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147. परमेश्वर के लिये कोई काम कठिन नहीं है २
असंभव ! सम्पूर्णत : संपूर्णत ! अब्राहम के मन में यह विचार आया होगा |
क्यों ? वह बूढा था और उस की पत्नी सारा भी बूढ़ी थी | बहुत समय पहले परमेश्वर ने उन्हें एक पुत्र का वचन दिया था परन्तु ८९ साल की आयु में बालक का जन्म होना और ९९ वे साल में पिता बनना पूर्णत : असंभव होता है |
क्या परमेश्वर उसे भूल गया था ?
अब्राहम अपने तम्बू के प्रवेश द्वार पर बैठा हुआ था | यह दोपहर का समय था और तापमान बहुत बढ़ा हुआ था | अकस्मात उस के घर अचानक कुछ मेहमान् आ गये | वे तीन व्यक्ति थे | अब्राहम उन के सामने झुका | क्या उस ने अंदाजा लगाया था कि इन तीन व्यक्तियों में एक स्वय : परमेश्वर था ?
अब्राहम: “मेरे प्रभु, और आगे यात्रा न कीजिये | यहीं रुक जाईये | मैं पानी लेकर आता हूँ ताकि आप के पाँव धो लूँ | छाँव में बैठ जाईये | मैं आप के लिये भोजन तैयार करता हूँ |”
आदमी: “ठीक है, जैसा तुम ने कहा है वैसा करो |”
अब्राहम जल्दी से तय्यारी में लग गया | सारा ने रोटी पकाई | सेवकों ने एक बछड़ा पकाया और अब्राहम ने बहुत ही अच्छा बुद्दू भोजन परोसा जिस की शुरुआत छाछ और ताजे दूध से की गई |
आदमी: “तुम्हारी पत्नी, सारा कहाँ है ?”
अब्राहम: “वह तम्बू में है |”
आदमी: “मैं तुझ से सच कहता हूँ | एक साल में जब मैं वापस आऊँगा, सारा के यहाँ एक पुत्र उत्पन्न होगा |”
(हंसने की आवाज)
सारा हंस पड़ी | सारा का मासिक धर्म बंद हो गया था | उस ने सोचा यह असंभव है | मैं अब बूढ़ी हो चुकी हूँ |
आदमी: “सारा ने हंस कर यह क्यों कहा कि उस के लिए पुत्र उत्पन्न होना असंभव है ? क्या परमेश्वर के लिये कोई काम कठिन है ? एक साल में सारा के यहाँ पुत्र जन्म लेगा |”
क्या परमेश्वर के लिए कोई काम असंभव है ? परमेश्वर ने अब्राहम को पुत्र होने का वचन दस से अधिक बार दिया था | एक बार तो वह वचन अत्यन्त विशेष स्थिति में दिया गया था |
परमेश्वर की आवाज: “अब्राहम, ऊपर आस्मान की ओर देख और तारों को गिन | उतनी सन्तान मैं तुझे देने जा रहा हूँ |”
अब्राहम तारे तो गिन न सका परन्तु उस ने परमेश्वर पर विश्वास किया | कई तारों से भरे हुए आस्मान ने उसे बताया कि परमेश्वर उस से भी महान है | क्या कोई काम उस के लिए असंभव है ? कभी नहीं !
और कल्पना करो कि जब अब्राहम १०० साल का था तब वह पिता बना और सारा ९० साल की आयु में माँ बन गई थी |
(बालक के हंसने की आवाज) उन्हों ने अपने लम्बे समय से आशा रखे हुए पुत्र का नाम इसहाक रखा |
परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है | वह तुम्हारी कल्पना से भी अधिक महान है | तारों को गिनने का प्रयत्न करो तब तुम जान जाओगे कि परमेश्वर कितना महान है |
लोग: वर्णनकर्ता, अब्राहम, आदमी, परमेश्वर की आवाज
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