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132. सवेरे के भोजन पर मछली और प्रश्न
घटनायें इतनी जल्दी जल्दी हुईं | यदि उन दिनों में समाचार पत्र होते तो उन में सन ३३ के ईस्टर का समाचार प्रथम पुष्ठ पर छपा होता |
पाठक पुरुष: “जिस दिन यीशु मर गये उस दिन संपूर्ण अंधेरा छाया हुआ था |”
पाठक स्त्री: “मृतक जीवित हुए और नगर में घूमने लगे |”
पाठक पुरुष: “भूकंप ने चट्टानों में दरार डाल दी |”
पाठक स्त्री: “कप्तान स्विकार करता है कि यीशु परमेश्वर के पुत्र हैं |”
पाठक पुरुष: “यीशु के अन्तिम शब्द : पूरा हुआ !”
पाठक स्त्री: “और प्रथम पुष्ठ पर बडे अक्षरों में लिखा जाता : कब्र खाली है |”
क्या यह समाचार “यरूशलेम टाइम्स” में छपा था ? जी नहीं | यह पवित्र शास्त्र में लिखित आँखों देखे गवाहों के रिपोर्ट हैं, वह रिपोर्ट जिन्हें तुम्हें स्वय : पढ़ना होगा |
कब्र खाली है | यीशु जीवित हैं ! आप के पुनरुत्थान के बाद आप अपने चेलों के पास गये | वे अब तक शोक मना रहे थे | परन्तु जब उन्हों ने यीशु को देखा तब वे बहुत प्रसन्न हुए |
इस के बाद पतरस और दूसरे चेले यरूशलेम छोड़ कर गलील की झील पर अपने अपने घरों को गये |
पतरस: “मैं मछ्ली पकड़ने जा रहा हूँ |”
यूहन्ना: “हम भी तेरे साथ चलते हैं |”
शाम के समय वे नाव में बैठ कर समुद्र में चले गये परन्तु रात में उन्हों ने एक भी मछली नहीं पकड़ी | जब सवेरा हुआ तब यीशु किनारे पर खड़े
थे | चेलों को यह जानकारी न थी के वे आप हैं |
यीशु: “तुम्हारे पास कुछ खाने को है ?”
यूहन्ना: “नहीं |”
यीशु: “नाव के दाहिनी ओर अपने जाल डाल दो |” (पानी के उछलने की आवाज)
पतरस: “जाल पूर्ण भरा हुआ है |”
यूहन्ना: “वह यीशु, प्रभु हैं |”
किनारे से केवल ३०० फुट के अन्तर पर उन्हों ने बहुत मछलियाँ पकडीं और १५३ मछलियाँ ले कर आ गये |
यीशु: “आओ और नाश्ता कर लो !”
आग के पास रोटी और भुनी हुई मछली तैयार रखी गई थी | यह तीसरी बार था जो यीशु अपने मित्रों पर प्रगट हुए थे | पतरस का अन्तकरण उसे कोस रहा था | उस ने उस घटना को याद किया जब उस ने तीन बार इन्कार किया कि वह यीशु को नहीं जानता है | भोजन के बाद यीशु ने पतरस से अकेले में बात की |
यीशु: “पतरस, क्या तू मुझ से प्रेम करता है ?”
पतरस: “जी हाँ प्रभु, आप जानते हैं कि मैं आप से प्रेम करता हूँ |”
यीशु: “पतरस, क्या तू मुझ से प्रेम करता है ?”
पतरस: “जी हाँ प्रभु, आप जानते हैं कि मैं आप से प्रेम करता हूँ |”
यीशु: “पतरस, क्या तू मुझ से प्रेम करता है ?”
पतरस उदास हुआ कयोंकि यीशु ने उस से तीन बार पूछा था |
पतरस: “प्रभु, आप सब कुछ जानते हैं | आप जानते हैं कि मैं आप से प्रेम करता हूँ |”
यदि यीशु यह प्रश्न आज तुम से पूछें तो क्या तुम्हारा उत्तर यही होगा ?
यीशु ने पतरस को क्षमा किया | जिसे अधिक क्षमा दी गई वह यीशु से अधिक प्रेम करता है |
लोग: वर्णनकर्ता, पाठक पुरुष, पाठक स्त्री, पतरस, यूहन्ना, यीशु
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