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131. परमेश्वर के पुत्र को मृत्यु दंड


न्यायधीश मृत्यु दंड देना चाहता था | जल्लाद तैयार किया गया था | और प्रभु यीशु अपने शत्रुओं के हवाले किए गये |

उन्हों ने आप पर थूका, परमेश्वर के पुत्र को थप्पड़ मारा और कोड़े लगाये |

पीटना हमें दंड की याद दिलाता है | यीशु इन के कभी भी पात्र न थे | आप ने कभी पाप नहीं किया | फिर भी आप को अत्यन्त भयानक रूप से मार डाला गया |

आप की पीठ से खून बह रहा था और उसी पीठ पर आप लकड़ी का भरी क्रूस उठा कर यरूशलेम की गलियों में से चले गये |

नगर के बाहर एक पहाड़ी पर जिसे खोपड़ी कहते हैं, आप को निर्दय सिपाहियों ने कीले गाढ कर दो कुकर्मियों के बीच में क्रूस पर चढ़ाया, एक आप की बायें ओर और दूसरे को दाहिनी ओर |

क्रूस पर मरना भयानक होता है | यीशु को सर का प्रबल दर्द, बहुत अधिक प्यास और दम लगा था | आप डर गये थे |

इस के अतिरिक्त, आप के शत्रुओं ने आप का मजाक उड़ाया |

उपहास कर्ता: “हे, यदि तू निश्चय ही परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से नीचे उतर आ |”

सिपाही: “यदि तू यहुदियों का राजा है तो अपने आप को बचा ले |”

यदि यीशु अपने आप को बचाना चाहते तब तो आप स्वर्ग से धर्ती पर उतर कर नहीं आते |

आप इस कारण आये कि हमें बचाते कयोंकि आप हम से प्रेम करते हैं | यीशु अपने शत्रुओं से भी प्रेम करते हैं |

यीशु: “हे पिता, इन्हें क्षमा कर, कयोंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं |”

तीन क्रूसों की कल्पना करो | यीशु बीच में, आप की दाहिनी ओर और आप की बाईं बाजू को कुकर्मी थे | क्या यह ऐसा नहीं लगता कि यीशु अपने हाथ इन दो पापियों कि ओर फैला रहे हों ?

कुकर्मी: (क्रोध में आ कर) “तुझे वचन दत्त उद्धार कर्ता धारण किया गया है ? तब तू स्वय : आप को और हमें भी बचा ले |”

हत्यारा: “चुप रह | क्या तु परमेश्वर को भूल गया है ? हम ने जो किया उस के अपराधी हैं | हम अपने दंड के पात्र हैं परन्तु आप ने कोई अपराध नहीं किया है | प्रभु यीशु, जब आप अपने राज्य में आयें तो मेरी सुधि लेना |”

यीशु: “मैं तुझ से कहता हूँ : आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग में होगा |”

हत्यारे ने अपना पाप स्विकार किया | और इस कारण वह स्वर्ग में प्रवेश कर सका |

वह ठीक कह रहा था कि हम सब अपराधी हैं | परन्तु यीशु क्षमा करते हैं और आप के हाथ हमेशा पापियों की ओर फैलाये हुये होते हैं |

फिर एक बार उन तीन क्रूसों की कल्पना करो | यीशु बीच में और आप की दाहिनी और बाईं ओर कुकर्मी लटक रहे थे | एक ने यीशु पर विश्वास किया और दूसरे ने आप का मजाक उड़ाया | एक का उद्धार किया गया, दूसरा खो गया | तुम कौन सी बाजू को खड़े हो ?

यीशु अपना हाथ तुम्हारी ओर फैलाते हैं | आप का प्रेम तुम्हारे अपराध से महान है |


लोग: वर्णनकर्ता, उपहास कर्ता, सिपाही, यीशु, हत्यारा, कुकर्मी

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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