Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 029 (Behind closed doors)
29. बंद दरवाजों के पीछे
चेला: “राजीव, दरवाजा बंद करो - मैं उन पर विश्वास नहीं करता | पहले तो उन्हों ने यीशु की हत्या की और अब वह हमारी खोज में आयेंगे |” (दरवाजा बंद होने की आवाज)
निराश हो कर यीशु के चेले बंद दरवाजों के पीछे बैठ गये | क्या वे न जानते थे कि यीशु जिलाये गये थे ? मरियम ने आप से बात भी की थी |
(खटखटाते हुए)
इम्माऊस का पहला चेला: “हम यहाँ हैं !”
इम्माऊस का दूसरा चेला: “दरवाजा खोलो !”
चेला: “संजय, तुम अब तक घर वापस क्यों न गये ?”
इम्माऊस का पहला चेला: “हम ने यीशु के साथ बातें कीं ! आप जीवित हैं !”
चेला: ”तुम ने आप को कहाँ देखा ? सब को बताओ !”
इम्माऊस का दूसरा चेला: “पहले तो हम ने आप को पहचाना भी नहीं !
वह ऐसे हुआ, हम चलते चलते बातें कर रहे थे | अचानक एक मनुष्य हमारे निकट आया और हमारे साथ बात चीत करने लगा |”
इम्माऊस का दूसरा चेला: “उस ने हम से पूछा कि हम आपस में क्या बातें करते जा रहे हैं | हम ने कहा : क्या तू ही अकेला मनुष्य है जो नहीं जानता कि अभी अभी यरूशलेम में क्या हुआ, यह कि यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया ? उस ने हमें समझाया कि परमेश्वर ने इस की पहले से भविष्यवाणी की थी और उसे ऐसे ही होना था |”
इम्माऊस का पहला चेला: “उसे पवित्र शास्त्र की निश्चित ही जानकारी थी | और हमारी बात चीत ने हमें शांत कर दिया | समय गुजरता गया और जब हम नगर में पहुँचे तब अंधेरा छा गया था |”
इम्माऊस का दूसरा चेला: “हम ने उसे भोजन के लिये अन्दर बुलाया | और तब यह हुआ : उस ने कुछ रोटी ली और उसे तोड़ कर हमें दी | और तब हम ने उसे पहचाना: यीशु ! परन्तु जब हम समझ गये कि आप कौन थे तब आप गायब हो गये | हमारी आँखों के सामने - उस के बाद आप वहाँ न थे |”
इम्माऊस का पहला चेला: “निश्चय ही यह सत्य है ! हम ने यीशु से बातें कीं और तुरन्त जितना तेज भाग सके उतना तेज भाग कर तुम्हें यह बातें बताने के लिये आये कि आप जीवित हैं |”
जब लोग यीशु से मिलते हैं तब वह यह घट्ना अपने आप तक ही नहीं रख सकते और उन्हें आप के विषय में दूसरों को बताना ही पड़ता है | और जब वे दोनों जो कुछ हुआ वह दूसरों को बता रहे थे तब अचानक यीशु उस कमरे में उपस्थित हुए |
आप ने उन्हें अपने हाथ और पाओं बताये |
यीशु: “तुम्हें शान्ति मिले | यह मैं हूँ |”
इस के बाद चेलों ने विश्वास किया | यीशु के विषय मे सुनना अच्छी बात है | यीशु से मिलने से सारे शक दूर हो जाते हैं और आनंद प्राप्त होता है |
अगले ड्रामे में, वैशाली और संगीता हमें बतायेंगी कि वे यीशु से कैसे मिलीं |
लोग: वर्णन कर्ता, चेले, इम्माऊस के चेले, यीशु
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