Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 001 (Jesus loves children)
1. यीशु बच्चों से प्रेम करते हैं
कुछ अतिथि सूडान की राजकुमारी से मिलने गये और उन से पूछा, “क्या आप कृपया हमें अपने मुकुट के रत्न बता सकेंगी ?”
उस ने उत्तर दिया, “अवश्य,” और वह दरवाजे तक गई और दो बच्चों के साथ वापस लौटी | उस ने दोनों बच्चों को अपनी गोद में उठा लिया और अथितियों की ओर देख कर मुस्कराते हुए बोली, “यह मेरे रत्न हैं |” अतिथियों को आश्चर्य हुआ क्योंकि उन्हें रत्न और दूसरे बहुमूल्य पत्थर देखने की आशा थी | परन्तु वे समझ गये कि राजकुमारी को बहुमूल्य पत्थरों से बच्चे अधिक बहुमूल्य थे |
यह सच है कि हर व्यक्ति का दिल बच्चों को नहीं चाहता |
परन्तु मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो बच्चों से प्रेम करता है : प्रभु यीशु |
पवित्र शास्त्र हमें उस समय की घट्ना बताता है जब कुछ माता पिता अपने बच्चों को यीशु के पास लाये ताकि आप उन्हें आशीष दें और वे आप को जान सकें | परन्तु इस से पहले कि वे यीशु के पास पहुँचते, उन्हें क्रोधित आवाजें सुनाई दीं |
चेले: “तुम क्या कर रहे हो ? चले जाओ ! यहाँ से हट जाओ !”
भयभीत हो कर बच्चे वहीं रुक गये | वे एक शब्द भी न बोल पाये-और वे यीशु के चेले थे जिन्होंने उन्हें इतने क्रोध से ड़ाँटा था |
मैं अत्यंत आनन्दित हूँ कि इस कहानी का यहीं पर अंत नहीं होता | यीशु बच्चों से प्रेम करते हैं | और आप ने तुरन्त हस्तक्षेप किया |
यीशु: “इन बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है |”
यीशु बच्चों से प्रेम करते हैं | आप उन्हें बुलाते हैं ताकि वे आप पर विश्वास करें और आप को जानें | और वे बच्चे निश्चय ही आप के पास आ गये |
---लड़के और लड़कियां जो तुम्हारी आयु के थे |
---अच्छे और बुरे
---बड़े और छोटे
---चतुर और कम चतुर
---अनेक रंगों वाले लड़के और लड़कियां |
बच्चे वह दिन कभी न भूले जब यीशु ने उन के साथ मित्रतापूर्वक व्यवहार किया और उन्हें आशीष दी | यीशु बच्चों से प्रेम करते हैं !
बच्चे आप के इस व्यवहार से आनंदित हुए और उन्हों ने दूसरे कई बच्चों को आप के विषय में बताया |
और हमेशा याद रखो कि यीशु आप से भी प्रेम करते हैं !
पवित्र शास्त्र में वे तुम से कहते हैं : “जो भी व्यक्ति मेरे पास आता है, मैं उसे वापस न जाने दुंगा |”
लोग: वर्णन कर्ता, यीशु, चेले
© कॉपीराईट सी इ एफ जरमनी