STORIES for CHILDREN by Sister Farida

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Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 052 (To Hawaii without a compass)

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

52. बिना सुची के हवाई जाना


क्या तुम ने कभी प्रवासी पक्षियों को उड़ने से पहले बिजली की तारों पर इकठ्ठे होते देखा है ?
और यदि उन्हें घुमक्कड़ी बनना हो तो ?

हर साल अस्थाई पक्षी, अबाबील और सारस दक्षिण की ओर उड़ने के लिये समय पर निकलते हैं | उन्हें कौन बताता है कि वे जाने की तैयारी करें ? परमेश्वर ने, जो निर्माता है, उन्हें ऐसे बनाया |

वे उस के निर्देशन का आदर करते हैं जिस के कारण उन के प्राण सुरक्षित रहते हैं |

कुछ पक्षी ६००० मील तक उड़ते हुए चले जाते हैं और फिर बसंत ॠुतु में उसी घोंसले में लौट आटे हैं |
क्या यह आश्चर्यकर्म नहीं है ?

क्या तुम अमरीकी सुनहरे पायपर को जानते हो ? वह अलास्का में रहता है जहाँ भूमि पर जमी हुई बर्फ कभी सौ प्रतिशत नहीं पिघलती | २६ दिनों के बाद वह अंडे में से निकल आता है | करोंदे और इल्ली उस का प्रिय भोजन होता है | वह कबूतर के समान बड़ा हो जाता है और उस के पंख चमकदार सुनहरे-हरे बन जाते हैं | वह ठीक तरह से चल नहीं सकता परन्तु उड़ सकता है | यह उस के लिये अधिक महत्पूर्ण होता है क्योंकि वह अपनी सर्दी की छुट्टी हवाई में बिताता है | इस का अर्थ यह हुआ कि वह ८८ घंटे बिना विश्रांति के उड़ता रहता है |

बोलने वाला: “वैज्ञानिकों के लिये उस के प्रवास अत्यन्त रहस्यपूर्ण होते हैं | उड़ने से पहले वह अपने शरीर का वजन दो गुना कर लेता है | कल्पना करो कि ऐसा तुम्हारे साथ हुआ तो क्या होता ? आपनी उड़ान के समय वह २,५०,००० बार अपने पंख मारता है | क्या तुम बिना विश्राम २५,००० बार उठ बैठ कर सकते हो ? यदि पक्षियों के पास स्पीडोमीटर होते तो वह बताता कि वे ३१ मील प्रति घंटे की गाती से उड़ सकते हैं |

अमरीकी सुनहरे पायपर का वजन ०.७ पौंड होता है और हर घंटे की उड़ान में वह अपने शरीर का ०.६ प्रतीशत वजन fuel के तौर पर जलाता है | गणना करने वाला कहता है कि शक्ती के इस अधिक उपयोग से उसे अपने नियोजित स्थान तक पहुँचने से ५०० मील पहले ही थक कर समुन्दर में गिर जाना चाहिये | परन्तु ऐसा नहीं होता क्योंकि यह पक्षी अंग्रेजी अक्षर व्ही (V) के रूप में उड़ते हैं और उड़ान में अपना स्थान बारी बारी से आगे पीछे कर लेते हैं ताकि आपनी शक्ती बचा सकें |”

यह सुनहरा पायपर उन निर्देशों के अनुसार उड़ता हैं जिन्हें परमेश्वर उस के अन्दर डालता है | दिशा बताने वाले यंत्र (कम्पास) और किसी योजना के बिना वह रात के समय और बादलों में से उड़ता है | और यह तरुण बच्चे पहले कभी हवाई द्वीप न जाते हुए भी वे यह छोटा सा टापू इतने बडे समुन्दर के बीच में ढूँड निकालते हैं | यह कोई संयोग नहीं है | वे परमेश्वर के अच्छे आदेश का पालन करते हैं और उस के लिये धन्यवाद के गीत गाते हैं |

क्या हम भी ऐसा ही करें ?

हमारे लिये परमेश्वर की अच्छी आज्ञायें, पवित्र शास्त्र में दी गईं हैं | जो कोई उन के अनुसार चलेगा वह अपना अंतिम उद्देश प्राप्त करेगा |


लोग: वर्णनकर्ता, बोलने वाला

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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