Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 068 (The showdown 1)
68. बल का प्रयोग १
दो एस्किमो मोटे कपड़े पहन कर बर्फ गाडी पर बैठे हैं | चाबुक घुमाया गया और कुत्ते बर्फ की जमी हुई चटान से टकरा गये | अचानक कोल्ली को कुछ सुनाई देता है |
कुप्पा जादूगर ने भी वह आवाज सुनी : एक हलकी सी झंकार बर्फ में से गुजर जाती है |
सीटी बजी और दौड़ते हुए कुत्ते रुक गये | एस्किमो ने आपनी पशुलोम की टोपियां उतार लीं | इस में संदेह नहीं - बर्फ गा रहा है | वह भयभीत हुए | क्योंकि जब बर्फ गाने लगता है तो इस का अर्थ यह होता है कि उस के नीचे के पानी की लहरें आ जायेंगी - जोरदार लहरें जो अचानक बहुत शक्ती के साथ आती हैं और बर्फ की मोटी से मोटी चट्टान में दरार पड़ जाती है |
(चाबुक के मारने की आवाज)
कोल्ली: “चलो अच्छे कुत्तों ! जल्दी से किनारे पर पहुँचो | शक्तिशाली लहरें आ रही है | हम मरने वाले हैं |”
कुप्पा: “कोल्ली, क्या तुम वहाँ वह बर्फ गाडी देख रहे हो ?”
कोल्ली: “क्या वे पागल हो गये हैं ? वे लहरों की ओर अपनी बर्फ गाडी को ले जा रहे हैं |”
कुप्पा: “हमें उन्हें सुचना देनी चाहिये |”
परन्तु जब दोनों बर्फ गाडियां एक दूसरे के निकट आ गईं और कुप्पा ने एस्किमो के गाँव के मिशनरियों को दूसरी बर्फ गाडी में देखा तो उस ने उन्हें सचेत नहीं किया | वह उन से और उन के यीशु से घ्रणा करता है, जिस के विषय में वे हमेशा बोलते रहते हैं |
कुप्पा और कोल्ली नायन के सुरक्षित किनारे पर पहुँच गये |
कुप्पा: “यह सब ठीक रहा |”
कोल्ली: “और वे दूसरे लोग ?”
कुप्पा: “उन्हें केवल मर जाना चाहिये | अब उन का यीशु हमें बता सके गा कि वह शक्तिशाली लहरों से अधिक शक्तिशाली है | हा, हा |”
इन दो पुरुषों ने इग्लू (बर्फ का बना हुआ घर) बनाया | उस के बाद कुप्पा एक छोटी सी दुकान में सील की अच्छी पशुलोम ले कर चला गया | क्या वह गोरी महीला, उस मिशनरी की पत्नी यहाँ है ?”
कुप्पा: “मैं यह पशुलोम उस बन्दुक के बदले में जो वहाँ है, बेचना चाहता हूँ |”
स्त्री: “मैं नहीं जानती कि हमें और पशुलोम की आव्यशकता है या नहीं | क्या तुम थोड़ी देर मेरे पती के लौटने तक रुक सकते हो ?”
कुप्पा: “वह वापस नहीं आयेंगे |”
स्त्री: “इस से तुम्हारा क्या मतलब है ?”
कुप्पा: “अत्यन्त शक्तिशाली लहरें आ रही हैं |”
स्त्री: “शक्तिशाली लहरें ???”
भयभीत होकर, वह स्त्री उस की ओर घूरने लगी | जादूगर ने खिडकी खोली और उन दोनों ने उस आवाज को सुना - बर्फ गा रहा था |
स्त्री: “कुप्पा, तुम ने उन्हें सचेत क्यों नहीं किया ?”
कुप्पा: “मैं क्यों करता ? यदि उस के यीशु उस की सहायता कर सकते हैं तो आप करेंगे |”
वह स्त्री पागल सी हो गई | तब उस ने पवित्र शास्त्र का वह वचन देखा जो दीवार पर लटक रहा था :
यीशु ने कहा : स्वर्ग और जमीन पर सारा अधिकार मुझे दिया गया है |
स्त्री: “यीशु यह कर सकते हैं ! आप ने ऐसे समय पर कभी हार नहीं मानी है |”
कुप्पा: “मुठभेड़ जारी है | यदि शक्तिशाली लहरों के बावजूद वे वापस लौटे तो मैं भी यीशु पर विश्वास करूँगा |”
स्त्री: “कुप्पा, वे लौट आयेंगे | मैं जानती हूँ |”
उस की निश्चितत:ने जादूगर को अनिश्चित बना दिया | यह मुठभेड़ कौन जीतेगा ? कुप्पा या यीशु ? तुम इस का उत्तर अगले ड्रामे में पाओगे |
लोग: वर्णनकर्ता, कुप्पा, कोल्ली, स्त्री
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