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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

48. आदमी नाटा परन्तु बड़ा धोकेबाज


(लोगों के भीड़ की आवाज)

जक्कई: “हटो, मुझे जाने दो !”

आदमी: “यह धक्का मुक्की क्यों हो रही है ? हर कोई आ सकता है |”

जक्कई: “मैं कुछ भी नहीं देख सकता |”

आदमी: “चुप हो जाओ और चले जाओ |”

वह जा न पाया | उसे हर व्यक्ति जानता था | परन्तु कोई उसे पसंद न करता था | उस का सुन्दर घर था और उस के पास बहुत फेशानानुकूल कपड़े थे | वह नाटा था परन्तु बहुत धनी था | हर व्यक्ति जानता था कि वह ईमानदारी से पैसे नहीं कमाता था | उस के नाम का अर्थ “निरप्राध” होता है परन्तु वह बड़ा लुटेरा था |

वह यरीहो में चुंगी वसूल करता था | जो व्यक्ति माल आयात करता था उसे चुंगी देना पड़ती थी | जक्कई नियमों का पालन न करता था | वह लोगों से जितने पैसे लेने थे उस से अधिक वसूल करता था | रोम में उस के अधिकारी ने इस पर लक्ष न दिया इस लिये जक्कई मन मानी करता था | इस तरह श्री निरप्राध ने अपने आप को महा अपराधी बना लिया था |

जक्कई के पास बहुत पैसे थे परन्तु वह खुश न था | एक दिन यरीहो में एक आश्चर्यजनक घट्ना घटी | यीशु वहाँ आ गये |

यह नाटा आदमी, जक्कई, यीशु को जानने का यह मौका खोना न चाहता था परन्तु दूसरे लोग उस की आँखों के सामने आ गये | पेड़ पर चढ़ जाओ -यह बड़ा अच्छा विचार है ! वह जल्दी से चढ़ गया | कितना महान दृष्य था | यीशु आ गये ! आप और भी निकट आते गये | जक्कई के आश्चर्य की कल्पना करो | यीशु उसी पेड़ के नीचे खड़े हो गये | जक्कई का दिल धड़कने लगा | यीशु ने ऊपर देखा | आप ने सीधे उस कि आँखों में देखा | आप ने उसे कैसे पहचाना ? यीशु ने उस से कहा :

यीशु: “जक्कई, पेड़ पर से जल्दी नीचे चले आओ | मैं आज तुम से तुम्हारे घर में मिलना चाहता हूँ |”

जक्कई ने तुरन्त वही किया जो यीशु ने उसे करने के लिये कहा था --- वह पेड़ पर से नीचे उतर आया | आनंदित हो कर उस ने यीशु को अपने घर लाया | परन्तु दूसरे लोग इस कारण परेशान हो गये थे |

आदमी: “यीशु उस के घर जा रहे हैं ? क्या आप नहीं जानते कि वह कितना बुरा आदमी है ?”

जी हौं, यीशु जानते थे | परन्तु आप उस से प्रेम करते थे | जक्कई यीशु को जानना चाहता था और अपने सब अपराध बताना चाहता था |

जक्कई: “प्रभु यीशु, मैं वचन देता हूँ : मैं अपना आधा धन गरीबों को दे रहा हूँ | और जिस किसी से मैं ने चुराया, मैं उन्हें चार गुना अधिक लौटाऊँगा |”

यीशु: “जक्कई, अब तुम्हारा उद्धार हुआ है क्योंकि मैं खोए हुओं को ढ़ूँड़ने और उनका उद्धार करने आया हूँ |”

यीशु तुम्हारे पास भी आयेंगे | आप को अपने जीवन में बुलाओ और जो कुछ तुम्हें परेशान कर रहा है उसे आप को बताओ | आप तुम्हारे जीवन को अनुशासित करेंगे |


लोग: वर्णनकर्ता, जक्कई, यीशु, आदमी

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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