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84. रहस्यपूर्ण स्वप्न २
नबूकदनेस्सर राजा बिल्कुल सो न सका | चिंतित हो कर वह करवटें बदलता रहा | तब उस ने अपने एक सेवक को बुलाया | (घंटी की आवाज )
सेवक: “ओ राजा, आप हमेशा जीवित रहें | मैं आप की क्या सेवा कर सकता हूँ ?”
राजा: “मेरे सलाहकारों और जादूगरों को तुरन्त बुलाओ |”
(बहुत सारी आवाजों और लोगों के चलने की आहट का सुनाई देना और फिर शांत हो जाना)
राजा: “मैं ने एक स्वप्न देखा है जो मुझे बहुत परेशान कर रहा है | मुझे इस स्वप्न का अर्थ बताओ |”
जादूगर: “अपना स्वप्न अपने सेवकों को बताईये और तब हम आप को उस का अर्थ बतायेंगे |”
राजा: “नहीं, स्वप्न तुम्हें मुझे बताना होगा | यह मेरा तुम्हारे लिये आदेश है ! अगर तुम मुझे स्वप्न बता दोगे तो मैं तुम्हें पुरस्कार दुंगा | यदि तुम ऐसा न करोगे तो मैं तुम्हें मार डालूँगा |”
जादूगर: “राजा अपना स्वप्न अपने सेवकों को बतायें और तब हम आप को बता सकेंगे कि उस का अर्थ क्या है |”
राजा: “यह एक बहाना है | तुम केवल समय लेना चाहते हो |”
जादूगर: “हम स्वप्नों का केवल अर्थ बता सकते हैं परन्तु दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो आप को आप का स्वप्न क्या था वह बता सके | आप जो पूछ रहे हैं वह बताना असंभव है |”
राजा क्रोधित हुआ: “मैं तुम सब को मार डालूँगा !”
दानिय्येल और उस के मित्र भी इस से प्रभावित हुए | परन्तु दानिय्येल डरा नहीं | जब उसे इस भयानक आज्ञा के कारण की जानकारी हुई, तब वह अपने घर गया और अपने मित्रों को यह परिस्थिति बताइ |
दानिय्येल: “हमें प्रार्थना करनी चाहिये | हमारा परमेश्वर सब कुछ जानता है | वह मुझे यह रहस्यपूर्ण स्वप्न बता सकता है |”
परमेश्वर एक मात्र व्यक्ति था जो सहायता कर सकता था | और उस ने ऐसा ही किया | रातके समय परमेश्वर ने दानिय्येल पर वह स्वप्न प्रगट किया |
दानिय्येल: “तू आश्चर्यजनक परमेश्वर है | तेरा धन्यवाद ! तू सब कुछ जानता है | और तू ने हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया |”
दानिय्येल ने राजा के पास ले जाने की बिन्ती की |
राजा: “क्या तू सच मुच मेरा स्वप्न मुझे बतायेगा ?”
दानिय्येल: “कोई मनुष्य वह नहीं कर सकता जिस की आप माँग कर रहे हैं | परन्तु जीवित परमेश्वर सारे भेद प्रगट कर सकता
है | उस ने स्वप्न में आप को बताया कि भविष्य में क्या होने वाला है | राजा ने एक बड़ी मूर्ति के विषय में स्वप्न देखा था | वह देखने में भयानक थी | उस का सर शुद्ध सोने का बना हुआ था | यह आप के राज का प्रतीक है | वह सब राज्यों में महान और शक्तिशाली है | परन्तु आप के बाद जो राज्य आयेंगे वे छोटे छोटे होते जायेंगे | अंत में वह राज्य बट जायेगा | परन्तु साथ ही साथ परमेश्वर अपना राज्य स्थापित करेगा | परमेश्वर का राज्य हमेशा कायम रहेगा | वह अनन्त है | आप का स्वप्न सच्चा है |”
राजा: “तुम्हारा परमेश्वर राजाओं का राजा है !”
राजा स्वप्न के विवेचन से प्रभावित हुआ | उस ने दानिय्येल को बहुत मालदार बना दिया और उस पर उपहार की वर्षा की |
और उस ने बाद में क्या किया वह अगले ड्रामे में सुना जा सकेगा |
लोग: वर्णनकर्ता, नबूकदनेस्सर, जादूगर, दानिय्येल, सेवक
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