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17. इतना साहसी २
वर्षा टप टप गिर रही थी | आश्चर्य की बात है ! कुछ ही दिनों में बगीचे, खेत और मैदान सूखे से बच गये थे |
सही समय पर वर्षा किस ने भेजी ? हर वस्तु को कौन जीवित रखता है ?
ईस्राएल में एक समय ऐसा भी आया था जब लग भग हर व्यक्ति यह भूल गया था कि केवल एक ही परमेश्वर अस्थित्व में है और वही वर्षा और धुप देता है | लोगों ने लकड़ी और पत्थर से देवता बना लिये | इन में से एक देवता को उन्हों ने बाल नाम दिया और उन्हों ने विश्वास किया कि इस बेजान मूर्ती से उन्हें अनाज, फल और पशु समूह प्राप्त होंगे |
इस झूटे विश्वास के लिये राजा अहाब उत्तरदाई था |
यह सब उस समय शुरू हुआ जब उस ने एक कुटिल नारी से विवाह किया | ईज़ेबेल उस देश की वासी थी जहाँ कोई व्यक्ति सत्य परमेश्वर को नहीं जानता था | वह अपने साथ अपना धर्म, बाल पूजा, ले कर आई | अहाब राजा ने भी स्वय : बाल पूजा को स्विकार किया, और सारा देश इस धर्म को स्विकार कर गया |
जी नहीं, प्रत्येक व्यक्ति नहीं | एलिय्याह ने ऐसा न किया | वह उन लोगों में से था जो परमेश्वर के श्रद्धालु थे | एक दिन उस ने प्रार्थना की :
एलिय्याह: “हे परमेश्वर, कृपया तीन साल तक वर्षा न होने दे ताकि यह सारा देश जान ले कि केवल तू ही एक परमेश्वर है जो वर्षा बरसाता है और वस्तुओं को उगता है |”
एल्लियाह को कोई संदेह न था कि परमेश्वर हर एक व्यक्ति को बतायेगा कि वह एक मात्र परमेश्वर है | एलिय्याह तुरन्त राजा के महल पर
पहुँचा | बगैर कोई समय निर्धारित किए वह महल के प्रतिक्षा कक्ष में से जाते हुए सिंहासन के कमरे में पहुँचा, जिस में अहाब राजा बैठा था |
निर्भय होकर वह राजा के सामने खड़ा हो गया और कहा :
एलिय्याह: “अहाब राजा, जीवित परमेश्वर की शपथ, अगले तीन वर्षों में एक बूँद भी वर्षा न होगी | इस से तू जान जायेगा कि केवल एक ही जीवित परमेश्वर है |”
और इस से पहले कि अहाब एक शब्द भी कहे, एलिय्याह वहाँ से गायब हो गया | और तब ?
अगर तुम अगला ड्रामा सुनो तो जान लोगे कि इस के बाद क्या होता है |
लोग: वर्णन कर्ता, एलिय्याह
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