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Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 045 (The catastrophe 4)

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

45. नाश ४


हेती में तूफ़ान आया | इस गरीब देश में भयंकर तूफ़ान ने फसल का बार बार नाश किया था | जैसे ही जादूगर, गौतम वर्षा के अँधेरे में पहाड़ पर चढ़ गया, उस ने लम्बी साँस ली | बिजली ने अँधेरे में उजाला किया | उस ने चट्टान पर विजय को पहचाना |

गौतम: “मैं उसे मार डालूँगा | वह हर बात के लिये अपराधी है क्योंकि वह हमेशा यीशु के विषय में बोलता है | आत्मायें इस तूफान के द्वारा हमारे पास लौट आई हैं | मैं उसे मार डालूँगा और हर कोई सोचेगा कि वह चट्टान पर से गिर गया |”

हत्या के विचार अपने दिल में लिये हुए गौतम परिश्रम करते हुए आगे बढ़ा | परन्तु अचानक वह एक बहुत बडे गड़े में गिर गया और उस के पाँव में मोच आ गई | वह अपना काम जारी न रख सका |

गौतम: “सहायता करो ! सहायता करो !”

गरज के बावजूद, विजय ने उस की सहायता के लिये पुकारें सुनीं | वह नहीं जानता था कि गौतम जादूगर उस का पीछा क्यों कर रहा था |

गौतम: “मेरी सहायता करो | मैं आपनी बड़ी बेटी से मिलना चाहता हूँ जो इस पहाड़ पर रहती है |”

गौतम बड़ा झूटा है | परन्तु विजय ने किसी तरह से तो भी उस की सहायता की | सावधानी से वह उस जख्मी व्यक्ति को एक झोपडी मे ले गया जिस में वे वर्षा से सुरक्षित रहे | एक धीमी आवाज़ ने उन्हें सुनने पर मजबूर किया | वह गरज न थी | और वह रुकी नहीं बल्कि और भी जोरदार हुई | पहाड़ थरथराया | बडे बडे चट्टान के टुकड़े खाई में गिर गये और गाँव को ढ़ाँक दिया | गौतम भयभीत हुआ |

गौतम: “मेरी पत्नी, मेरी तारा ! हमें उन की सहायता करनी चाहिये |”

विजय: “गौतम, तुम ने मेरी बात क्यों नहीं सुनी ? मैं ने तुम्हें कीचड के खसकने के विषय में चेतावनी दी थी ! अगर तुम्हारी पत्नी और बेटी मर जायेंगे तो तुम जिम्मेदार होंगे |”

कष्ट के साथ और विजय की सहायता से, गौतम अपने आप को उस जगह तक घसीट कर ले गया जहाँ एक समय उस का घर खड़ा था | वह उस मिट्टी को बेतहाशा खोदने लगा | फिर वह रुका |

गौतम: “मेरी पत्नी मर गई है | परन्तु उधर देखो - कुछ हिल रहा है ! तारा !”

विजय: “प्रभु यीशु, हमारी सहायता कीजिये | मिशनरियों को भोजन और दवायें ले कर हमारे पास भेज दीजिये |”

यीशु ने विजय की प्रार्थना का उत्तर दिया | थोड़ी ही देर में सहायता आ पहुंची और तारा को हेलिकॉप्टर में मिशन अस्पताल मे ले जाया गया |

अगर तुम अगला ड्रामा सुनोगे तो जान लोगे कि उस के साथ वहाँ क्या हुआ |


लोग: वर्णनकर्ता, गौतम, विजय

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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