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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
35. यरोशलेम में जमावलोग हर जगह से आ गये | कई लोग परदेश से आये | वे यरूशलेम में पिन्तेकुस्त का दिन मनाने के लिये आये थे | हज़ारों लोग सड़कों पर चल रहे थे | उस दिन, प्रभु यीशु के चेले एक घर में एक साथ प्रार्थना करने के लिये इकठ्ठे हो गये | अचानक उन्हों ने ज़ोर की आँधी की आवाज सुनी | बाहर जो लोग थे उन्हों ने भी इस आवाज को महसूस किया | यह क्या हो सकता है ? कुछ और ही हुआ | चेलों के सरों पर आग की जीभें दिखाई दीं जो हर एक पर आ ठहरीं | इस आश्चर्यकर्म का क्या अर्थ हुआ ? यह आश्चर्यजनक अनुभव यीशु की ओर से उपहार था | आप ने अपने चेलों को पवित्र आत्मा अर्पण किया | आप अपने मित्रों को भूले न थे | पवित्र आत्मा के द्वारा यीशु हमेशा अपने बच्चों के साथ रहते हैं | पवित्र आत्मा सांत्वना दाता, परामर्श देने वाला और साथी है | उस क्वे द्वारा परमेश्वर की सन्तान हमेशा स्वर्ग में स्थित यीशु से जुडी हुई रहती है | घर के सामने लोग चकित खड़े थे | लोग: “इस का क्या अर्थ हुआ ?” अत्यन्त आनंदित हो कर चेलों ने भीड़ को यीशु के विषय में बताया | कल्पना करो, परदेश से आये हुए लोग भी चेलों की बातें समझ सके | हर एक ने यीशु के मित्रों को स्वय : उन की आपनी भाषा में बोलते हुए सुना | वे उन भाषाओं में बोले जिन्हें उन्हों ने कभी सीखा न था | यीशु ही वह व्यक्ति हैं जिन्हों ने यह होने दिया | कुछ लोगों ने मजाक उड़ाया : उपहास कर्ता: “हा, तुम सब मदिरा के नशे में चूर हो - वह भी सुबह के समय !” तब पतरस ने कहा : पतरस: “जी नहीं, हम नशे में नहीं हैं | परमेश्वर ने अपना वचन पूरा किया और अपना पवित्र आत्मा हमारे लिये भेज दिया |” साहस से उन्हों ने यीशु के विषय में और भी बातें बतायीं कि आप कैसे मरे और फिर जी उठे और अब स्वर्ग में रहते हैं | पुरुष: “क्या यह पतरस है, जिस ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह यीशु को जानता भी नहीं ?” स्त्री: “हाँ वही है, अब उस में थोडा भी भय न रहा | वह पूर्णत: बदल गया है |” पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर ने पतरस को साहसी गवाह बना दिया है | और पतरस ने जो कुछ कहा उस से भीड़ के दिल प्रभावित हुए | पुरुष: “हम क्या करें ?” स्त्री: “हम ने कई गलत काम किए हैं |” पतरस: “प्रभु यीशु पर विश्वास कीजिये और परमेश्वर तुन्हें क्षमा करेगा और तुम पवित्र आत्मा पाओगे |” ३००० लोगों ने ऐसा ही किया | उन्हों ने यीशु से प्रार्थना की और उद्धार पाया | यह पिन्तेकुस्त का दिन मनाने के बाद चेलों को नया आनंद प्राप्त हुआ | लोग: वर्णन कर्ता, उपहास कर्ता, पतरस, पुरुष, स्त्री © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |