STORIES for CHILDREN by Sister Farida(www.wol-children.net) |
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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
95. मैं उसे देख नहीं सकताबढ़िया, मुझे उन की ओर से पत्र आया है | न जाने उस ने क्या लिखा है ? (पत्र के खोलने की आवाज) अनके: “हेलो! मुझे सच में ड्रामे बहुत पसंद आते हैं | मैं हर बार संगीत और गीतों को सुन सकी | मेरी आयु दस साल की है और मुझे पवित्र शास्त्र की उत्तेजित करने वाली कहानियाँ सुनने में बड़ा मजा आता है | मैं बहुत प्रसन्न हूँ क्योंकी परमेश्वर मुझ से प्रेम करता है | धर्म मेरा चहेता विषय है | आप की आज्ञाकारी अनके की ओर से अलविदा |” अनके की इच्छा पूरी करने में मुझे प्रसन्नता हो रही है | यह रहा वह गीत, “मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है !” मुझे विश्वास है कि तुम गीत का टेक जल्दी सीख लोगी और तब गा सकोगी | (पार्श्व संगीत) वर्णन करता ऊंची आवाज में पढ़ता है : मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है ! यदि मैं परमेश्वर को देख न सकूँ, परन्तु यीशु के कारण वह निकट है | जो कोई इस पर विश्वास नहीं करता और इसे नहीं समझता, वह मेरे गीत को उस समय सुने जब मैं गाता हूँ | मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है ! मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है ! मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है ! मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है ! मैं उसे देख नहीं रहा न उसकी आवाज सुन रहा हूँ, फिर भी वह यहाँ है ! प्रसन्न हो जाओ, क्योंकी परमेश्वर उपस्थित है | तुम्हारे साथ भी | यीशु ने कहा : तुम यह जान लो कि मैं दुनिया के अंत तक सदा तुम्हारे साथ हूँ | (मत्ती २८:२०) लोग: वर्णनकर्ता, अनके © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |