Home
Links
Contact
About us
Impressum
Site Map


YouTube Links
App Download


WATERS OF LIFE
WoL AUDIO


عربي
Aymara
Azərbaycanca
Bahasa Indones.
বাংলা
Български
Cebuano
Deutsch
Ελληνικά
English
Español-AM
Español-ES
فارسی
Français
Fulfulde
Gjuha shqipe
Guarani
հայերեն
한국어
עברית
हिन्दी
Italiano
Қазақша
Кыргызча
Македонски
മലയാളം
日本語
O‘zbek
Plattdüütsch
Português
پن٘جابی
Quechua
Română
Русский
Schwyzerdütsch
Srpski/Српски
Slovenščina
Svenska
தமிழ்
Türkçe
Українська
اردو
中文

Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 003 (Pig food or banquet food)

Previous Piece -- Next Piece

नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

3. पिग सलॅाप या मेज्बानी


पिता उदास होकर खिड़की में खड़ा था | कुछ दिन पहले उस का सब से छोटा पुत्र उसे छोड़ कर चला गया था | वह बस चला गया | वह अपनी उत्तराधिकार राशि भी अपने साथ ले गया | उस ने एक बार भी मुड़ कर न देखा |

पिता उस से प्रेम करता था | उस का पुत्र कहाँ है ? वह किस परिस्थिति में होगा ?

देखने में उस की हालत ठीक थी | उस के पास बहुत सम्पति और अनेक मित्र थे | वह एक समारोह से दूसरे समारोह में चला जाता था | वह आनन्द, हँसी मज़ाक, बहुत शराब पीना और ऐसे काम करने में व्यस्त रहता था जिन्हें वह जानता था कि बुरे हैं | उस ने अपने आप को लोगों के अधीन कर लिया था | शीघ्र ही उस की सारी सम्पति समाप्त हो गई | और उस के मित्र भी उसे छोड़ कर चले गये |

ऐसी स्थिति में बेरोजगारी एक समस्या बन गई थी | अंत में एक किसान के पास उसे काम मिल गया जहाँ उसे सुअरों की देखभाल करनी थी | यह ऐसा काम था जिसे वह कभी न करता ! उस का पेट गड़गड़ाने लगा और उस समय उस ने सुअरों को खाने को दी जाने वाली फल्लियाँ भी खाई होतीं परन्तु उसे उसकी अनुमति न दी गई थी | भूखे पेट और फटे हुए कपड़े पहन कर वह सुअरों के पास बैठ गया जिन के शरीर से दुर्गंध आ रही थी और विचार करने लगा |

उस का पिता उस से प्रेम करता था - क्या उस ने इस विषय पर विचार किया ?

अकस्मात वह खड़ा हो गया और उस ने कोई निर्णय लिया | उस ने कहा,

पुत्र: “मैं अपने घर जा रहा हूँ और अपने पिता से कहुँगा कि मुझे दु: ख है कि मैं ने अपने मार्ग पर चल कर आप के विरुद्ध पाप किया है |”

वास्तव में, वह अपने पिता के सामने पश्चताप करना चाहता था |

अंदाज़ा लगाइये : अभी पुत्र अपने पिता के घर से बहुत दूर था, फिर भी पिता ने उसे देख लिया | वह अपने पुत्र से प्रेम करता था और दौड़ते हुए उसे मिलने गया !

इस से पहले कि पुत्र एक भी शब्द कहता, पिता ने उसे अपनी बांहों में ले लिया और उसे चूमा |

प्रसन्न हो कर उस ने अपने दासों को बुलाकर उन से कहा,

पिता: “जल्दी करो ! एक साफ सुथरा वस्त्र, अँगूठी और जूतियाँ ले आओ | भोज तैयार करो ! हम आनन्द करेंगे क्योंकि मेरा पुत्र यहाँ है ! हम उसे मरा हुआ समझ बैठे थे, परन्तु वह जीवित है ! वह खो गया था परन्तु अब मिल गया है और मेरे पास वापस लौट आया है !”

जितना यह पिता अपने पुत्र से प्रेम करता था, उतना ही परमेश्वर तुम से और मुझ से प्रेम करता है | वह चाहता है कि हम उस के पास आयें और उस के साथ वास करें | इसी लिये यीशु ने यह कहानी सुनाई |

क्या तुम परमेश्वर के प्रेम और उस के पास आने के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हो ? अगर ऐसा है तो कृपया मुझे पत्र लिखें |


लोग: वर्णन कर्ता, पुत्र, पिता

© कॉपीराइट सी इ एफ जरमनी

www.WoL-Children.net

Page last modified on July 23, 2018, at 01:35 PM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)