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148. अत्यन्त कठिन परिक्षा ३
क्या मैं ठीक कह रहा हूँ ? जब तुम्हें कोई कठिन परीक्षा देनी होती है तब तुम उस दिन अपने बिस्तर में रहना पसन्द करते हो |
अब्राहम के साथ ऐसा नहीं था | वह सवेरे जल्दी उठा | उस की परीक्षा गणित शास्त्र या विज्ञान में नहीं हुई | परमेश्वर ने उस के विश्वास की परीक्षा ली |
परमेश्वर की आवाज: “हे अब्राहम !”
अब्राहम: “प्रभु, मैं यहाँ हूँ |”
परमेश्वर की आवाज: “अपने एकलौते पुत्र, इसहाक को संग ले जिस से तू प्रेम रखता है और मोरिय्याह के क्षेत्र में जा | वहाँ एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा, उसे होमबलि के तौर पर चढ़ा |“
जो व्यक्ति परमेश्वर को नहीं जानता और न ही उस से प्रेम रखता है वह यह सोचेगा कि परमेश्वर निर्दयी है | अब्राहम ने उस के विषय में बुरा नहीं सोचा जो उस की परीक्षा ले रहा था |
पवित्र शास्त्र हमें केवल इतना बताता है कि अब्राहम सवेरे तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कस ली | उस ने होमबलि के लिये लकडी चीर ली और अपने दो सेवकों और अपने पुत्र, इसहाक को अपने संग लिया | वह लग भग ७५ मील तक चलते हुए गये | वह मार्ग लम्बा था, ऐसा कि किसी भी समय वे पलट जाते |
तीन दिन के बाद अब्राहम ने उस पहाड़ को देखा | और मुड कर अपने सेवकों से कहा |
अब्राहम: “तुम यहीं गदहे के पास खड़े रहो | मेरा पुत्र और मैं परमेश्वर की आराधना करने के लिए जा रहे हैं | उस के बाद हम लौट आयेंगे |”
क्या तुम ने यह सुना ? अब्राहम ने कहा : हम फिर लौट आयेंगे | उसे पक्का विश्वास था कि परमेश्वर इसहाक को फिर से जीवित करेगा |
पुत्र ने लकड़ी अपने ऊपर लादी और अब्राहम ने जलते हुए कोयले और छुरी अपने हाथ में ले कर वे साथ साथ चले गये |
इसहाक: “पिताजी !”
अब्राहम: “हाँ, मेरे पुत्र |”
इसहाक: “हमारे पास लकड़ी और आग तो है परन्तु होमबली के लिये मेमना कहाँ हैं ?”
अब्राहम: “यह हम परमेश्वर पर छोड़ दें | हे मेरे पुत्र, वह स्वय : होमबली की भेड़ का उपाय करेगा |”
जब वे उस स्थान पर पहुँचे जो परमेश्वर ने उन्हें बताया था तब अब्राहम ने वहाँ बलीवेदी बनाई और उस पर लकड़ी जमा दी | उस ने अपने पुत्र, इसहाक को रस्सी से बाँध कर उसे वेदी पर लकडियों के ऊपर रख दिया | तब उस ने अपने हाथ में छुरी ले ली !
स्वर्गदूत: “हे अब्राहम, हे अब्राहम !”
अब्राहम: “प्रभु, मैं यहाँ हूँ |”
स्वर्गदूत: “अपने पुत्र को कष्ट न दे | अब मैं देख रहा हूँ कि तू अपने एकलौते पुत्र से अधिक परमेश्वर से प्रेम रखता है |”
अब्राहम उस परीक्षा में यशस्वी हुआ जो सब से कठीन होती है |
कई साल बाद जहाँ परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र, यीशु को क्रूस पर बली चढ़ाया वह स्थान मोरिय्याह से कुछ सौ गज़ के अन्तर पर था | यह परमेश्वर ने इस लिये किया ताकि यदि हम उस पर विश्वास करें तो उस की सन्तान बनें | क्या तुम इसी समय मेरे साथ प्रार्थना करना चाहोगे ?
“प्रभु यीशु, मैं अब्राहम के समान आप पर विश्वास करूँगा | जो व्यक्ति ऐसा विश्वास रखता है उसे क्या हो सकता है ?!”
लोग: वर्णनकर्ता, अब्राहम, परमेश्वर की आवाज, इसहाक, स्वर्ग दूत
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