Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 062 (At the end of the quest 2)
62. अन्त में निशाने पर २
निराश हो कर पूर्व से आये हुए ज्योतिषी येरूशलेम में राजा का महल छोड़ कर चले गये | और जहाँ उन्हों ने नये जन्मे हुए राजा, यीशु को ढूंडा वह जगह यह थी | वे उस राजा की आराधना करने और सब लोगों को बताने आये थे कि आप उन के जीवन के प्रभु होंगे | परन्तु आप उन्हें येरूशलेम में नहीं मिले | जब वे शहर छोड़ कर चले थे तब अंधेरा हो चुका था |
पहला ज्योतिष: “हेरोदेस राजा इतना परेशान क्यों था ?”
दूसरा ज्योतिष: “और वह तारा दिखाई देने का निश्चित समय क्यों जानना चाहता था ?”
पहला ज्योतिष: “देखो वह तारा फिर से दिखाई दे रहा है ! वही तारा जिस ने हमें बताया कि यहूदियों के राजा ने जन्म लिया है |”
जब बाबुल के लोगों ने वह तारा देखा तो बहुत प्रसन्न हुए |
कल्पना करो ! वह तारा आस्मान में उन के आगे आगे चलता रहा और उन्हें बैतलहम का मार्ग बताता रहा |
वह तारा, एक विशेष घर के ऊपर रुक गया | क्योंकि उस घर में मरियम और यूसुफ, नन्हे यीशु के साथ रहते थे |
वे वहाँ रहे और जन गणना के बाद जब सब लोग अपने अपने घरों को लौट गये तब उन्हें मकान मिला |
और अब वे ज्योतिषी अपनी खोज के अंतिम चरन में पहुँच गये थे |
वे उस घर के अन्दर गये और मरियम और यूसुफ को देखा | और स्वय : अपनी आँखों से बालक यीशु को देखा जो परमेश्वर के भेजे हुए राजा थे |
आश्चर्य करते हुए, वे यीशु के सामने झुके और आप की आराधना की |
वे आप के होना चाहते थे; उन की इच्छा थी कि आप उन के राजा बन कर उन के जीवन पर राज करें |
क्या यीशु तुम्हारे भी राजा हैं ? क्या आप को तुम्हारे जीवन भर तुम्हारा मार्ग दर्शन करने की अनुमति दी गई है ?
तुम्हारे और मेरे लिये सारी दुनिया में इस से अच्छी और कोई बात नहीं हो सकती कि यीशु हमारे जीवन के राजा हों |
ज्योतिषी आप के थे | उन्हों ने अपने उपहार खोल दिये - वे बहुत आभारी थे ! सोना, बहु मूल्य इत्र और लोबान अनन्त राजा के लिये उन के उपहार थे |
अत्यन्त बहुमूल्य उपहार जो हम आप को अर्पण कर सकते हैं वह हमारा अपना जीवन है | जो व्यक्ति अपना जीवन यीशु को दे देता है वह बड़ा पुरस्कार पायेगा |
लोग: वर्णनकर्ता, दो ज्योतिषी
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