STORIES for CHILDREN by Sister Farida(www.wol-children.net) |
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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
169. हैलोवीन –मेरे बिना १हव्वा और होवार्ड दुकान की खिडकी के पास अपने अपने नाक रगड रहे थे | काँच के पीछे रखे हुए कद्दू के चहरों पर खिसयानी हँसी दिखाई दी | हव्वा: “मुझे हैलोवीन के विषय पर एक रिपोर्ट लिखनी है | ओह, क्या तुम खोपड़ी देख रहे हो ?” होवार्ड: “परन्तु वह असली नहीं है !” होवार्ड: “क्या तुम हैलोवीन की पार्टी में आ रही हो ?” हव्वा: “मैं नहीं जानती | हो सकता है कि आ जाऊँ | परन्तु अभी मुझे घर जाना है |” पड़ोस की बेकरी ने अपने शैतानी बिस्किटों का विज्ञापन दिया था | हैलोवीन के कारण वे लाभ दायक रहा | (दरवाज़े की घंटी बजने की आवाज) माँ: “तो तुम घर आ गईं |” हव्वा: “मैं भूकी हूँ (प्लेट पर चांदी के बर्तनों की आवाज) | खिडकी में जो कद्दु के सर रखे हुए थे वे कहाँ हैं ?” पिता: “वह कचरे के डिब्बे में सहमे हुये बैठे हैं |” हव्वा: “कचरे के डिब्बे में ?” माँ: “आज के समाचार पत्र में छपा हुआ यह लेख पढ़ो |” (समाचार पत्र खोलने की आवाज) हव्वा ने वह लेख पढ़ने के बाद जब उस ने हैलोवीन का अर्थ समझा तो उस का पिजा खाते खाते उस के गले में फंस गया | अक्टोबर ३१ - भूतनीयों - और शैतान के लिये मेजबानी | यह कहानी लगभग २००० वर्ष पुरानी है | कल्टी लोगों का नया साल | वे परमेश्वर के बिना जीते थे | वे कई देवताओं पर विश्वास करते थे और सम्हाइन, जो मृत्कों का देवता होता है, इस रात को आता है और मृत्कों को जमा करता हव्वा: “तब तो हैलोवीन शैतान का समारोह है |” हैलोवीन, आल सेंट्स डे की शाम का अंग्रेजी संक्षेपण है | उन दिनों में जादूगर शलगम को उकेर कर उस में मोम बत्ती रखते और उसे अपने घर के सामने रख कर चींखते थे | ‘उपहार या शाप’ | जिस किसी ने सम्हाइन के लिये बलि नहीं दी उसे शाप दिया जाता था | पिता: “भेस बदल कर आने वाली आत्मायें जो मिठाई की भीक मांगती हैं, हमें इस अधर्मी प्रथा की याद दिलाती हैं | पवित्र शास्त्र कहता है : बुराई न करो | हैलोवीन बुराई की रात होती है |” माँ: “मैं यह नहीं जानती | परन्तु अब से आगे : हैलोवीन - मेरे बिना |” पिता: “क्या तुम बलि के विषय में पढ़ते हो ?” हव्वा ने जब पढ़ा कि शैतान के लिये लोगों का बलिदान किया गया तो वह फीकी पड़ गई | कितना भयानक ! शैतान झूटा और हत्यारा है | हैलोवीन उस का दिन है | पिता: “परमेश्वर ने कहा है कि हम अधर्मी परम्पराओं में भाग न लें | इसी लिये मैं भी कहता हूँ : हैलोवीन - मेरे बिना !” और तुम्हारे विषय में क्या कहा जाये ? क्या तुम यीशु मसीह पर विश्वास करते हो ? यदि ऐसा है तो तुम्हें सच्चा आनन्द मिला है जो भयानक समारोहों में भाग लेने से अच्छा है | हव्वा: “मैं हैलोवीन समारोह में नहीं जा रही | होवार्ड को एस एम् एस करो : हैलोवीन - मेरे बिना !” और आशा रखते हैं कि तुम्हारे बिना भी ! क्या तुम हैलोवीन के विषय में और जानना चाहते हो ? तो मुझे लिखो ! लोग: वर्णनकर्ता, हव्वा, होवार्ड, माँ, पिता © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |