STORIES for CHILDREN by Sister Farida(www.wol-children.net) |
|
Home عربي |
Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 087 (I don’t want to live anymore) This page in: -- Albanian -- Arabic? -- Armenian -- Aymara -- Azeri -- Bengali -- Bulgarian -- Cebuano -- Chinese -- English -- Farsi -- French -- Fulfulde -- German -- Greek -- Guarani -- Hebrew -- HINDI -- Indonesian -- Italian -- Japanese -- Kazakh -- Korean -- Kyrgyz -- Macedonian -- Malayalam? -- Platt (Low German) -- Portuguese -- Punjabi -- Quechua -- Romanian -- Russian -- Serbian -- Slovene -- Spanish-AM -- Spanish-ES -- Swedish -- Swiss German? -- Tamil -- Turkish -- Ukrainian -- Urdu -- Uzbek
नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
87. मैं अब और जीना नहीं चाहतास्कूल में कक्षा के परिणाम घोषित किये गये | सांद्रा खुश थी | वह अपने माता पिता को अपना अच्छा परिणाम दिखाने के लिये रुक न सकती थी | परन्तु कायल के साथ मामला कुछ और था | उस ने स्कूल का कार्यक्रम समाप्त होने के समय पर अपना बसता बाँध लिया | बेन: “हे कायल, क्या हम आज दोपहर को घाटी तक सायकल पर जायेंगे ?” कायल: “नहीं, आज नहीं |” बेन: “समय बर्बाद न करो | क्या तुम रात स्कूल में बिताना चाहते हो ?” कायल: “तुम अकेले जाओ | मैं घर जाना नहीं चाहता | गणित में ‘ड’ ग्रेड, जरमन भाषा में ‘फ’ ग्रेड | यदि मेरे पिता यह देखेंगे तो मुझे निश्च्य ही मार डालेंगे | मैं अपने आप को मार डालना पसंद करूँगा | मैं अब और जीना नहीं चाहता | मैं मुर्ख हूँ और मूर्खों को कोई पसंद नहीं करता |” बेन: “ऐसी बकवास बंद करो | तुम्हारे पिता तुम से बहुत प्रेम करते हैं | वह तुम्हारे लिये कई अच्छे उपहार खरीदते हैं |” कायल: “मेरे पिता ? वे स्वय : अपने आप और अपने व्यवसाय से प्रेम करते हैं | दूसरी सब बातें उन के लिये कोई महत्व नहीं रखतीं |” बेन: “मेरे पिता हमेशा ऐसे महान व्यक्ति नहीं होते | वह उसी समय मुझ पर ध्यान देते हैं जब मैं कुछ गलत काम करता हूँ | तब वे मुझे एक पागल व्यक्ति के समान डाँटते हैं | इस से मुझे दुख: होता है | ऐसे भी समय आये हैं जब मैं और जीना नहीं चाहता था |” कायल: “आज तुम इस के बारे में क्या महसूस करते हो ?” बेन: “आज मैं जानता हूँ कि यीशु उपस्थित हैं | यदि मैं असफल रहा तो भी आप मुझ से प्रेम करते हैं | मैं परिपूर्ण रेकोर्ड के बिना भी हमेशा आप के पास जा सकता हूँ | आप मेरे मित्र हैं | और यदि मैं आप को देख नहीं सकता फिर भी मैं जानता हूँ कि आप मेरे साथ रहते हैं | मुझे शक्तिशाली होने की आव्यशकता नहीं है; मैं आप की उपस्थिति में रो भी सकता हूँ | मैं तुम्हें बताता हूँ कि यह मेरे लिये अच्छा होता है |” कायल: “तुम्हारे लिये तो यह ठीक है ! काश मैं भी इस पर विश्वास कर सकूँ |” बेन: “चलो हम घाटी तक सायकल पर सवार हो कर बातचीत करते हुए चलते हैं | क्या मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे घर आ सकता हूँ ? संभव है कि कोई व्यक्ति आस पास होने के कारण तुम्हारे पिता ऐसा पागलपन न करें |” कायल: “यह अच्छा विचार है | तुम अच्छे मित्र हो |” बेन: “और छुट्टियाँ समाप्त होने पर हम कभी कभी इकठ्ठे हो कर घर का काम भी कर सकेंगे |” बेन का अपने मित्र के साथ जाना अच्छा रहा | परन्तु फिर भी कायल चिंतित था | तब एक आश्चर्यकर्म हुआ : जब कायल के पिता ने उस का परिणाम देखा तो वे परेशान न हुए | बल्कि उन्हों ने स्विकार किया कि जब वे स्कूल में पढ़ते थे तब उन की श्रेणी भी बहुत अच्छी न हुआ करती जब माता पिता परिपूर्ण कार्य की अपेक्षा करते हैं तब मुश्किल हो सकती है | परन्तु यीशु बिल्कुल अलग व्यक्ति हैं | तुम जिस परिसतिथी में भी हों आप तुम्हें स्विकार करते हैं | आप तुम्हारी सशक्त और असश्क्त स्थिति में तुम से प्रेम करते हैं | आप जानते हैं कि तुम कई काम अच्छी तरह से कर सकते हो और आप वह काम भी जानते हैं जो तुम्हारे लिये मुश्किल होते हैं | आप तुम्हारी सहायता करना चाहते हैं | इस लिये निडर हो जाओ और आप पर विश्वास करो | जब तुम यीशु को जान लोगे तब अपनी कक्षा में खुद ब खुद बेहतर न बनोगे परन्तु यीशु तुम्हारी सहायता करेंगे ताकि तुम बेहतर बन सको | निडर हो जाओ और आप पर विश्वास करो | यीशु की सहायता से तुम कोई भी काम अपने विचार से अधिक बेहतर तौर से कर सकोगे ! लोग: वर्णनकर्ता, बेन, कायल © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |