STORIES for CHILDREN by Sister Farida(www.wol-children.net) |
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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
6. ९ ता १चेले प्रभु यीशु के साथ दूर दूर तक पैदल चले जाते थे | जब तुम पवित्र शास्त्र पढोगे तब तुम उन के साथ संपूर्ण इस्राएल में जा सकोगे | चेलों को विशेष अधिकार प्राप्त था : जब यीशु रोगियों को चंगा करते थे, जब आप अपने आस्मानी पिता से प्रार्थना करते थे और जब आप ने केवल एक शब्द के द्वारा आँधी को शान्त किया तब वे वहाँ थे | लूका के सुसमाचार में बताया गया है कि यीशु अपने चेलों के साथ एक ऐसे मार्ग पर चल रहे थे जिस पर बहुत धूल थी और चलते चलते वे एक छोटे से गाँव में पहुँचे जो सामरिया और गलील के बीच में स्थित था | कुष्ट रोगी: “हे यीशु, हे प्रभु, हमारी सहायता कीजिये !” जब उन दस पुरुषों ने यीशु को पहचान लिया तब उन्हों ने यह शब्द कहे | जब चेले उन के निकट पहुँचे तो उन्हों ने देखा कि यह दस पुरुष कुष्ट रोगी हैं | कुष्ट रोग जिसे कोढ़ भी कहते हैं, एक भयानक रोग है जिस की शुरुआत त्वचा पर दाग के रूप में होती है और वह हाथ और पाँव पर विकृति लाता है | इन कुष्ट रोगियों को समाज से बाहर निकाल दिया जाता था | उन्हें गुफाओं या खुले खेतों में रहना पड़ता था | उन्हें किसी को छूने की भी अनुमति न थी | हर व्यक्ति उन से दूर रहता था | परन्तु यीशु ऐसा न करते थे | कुष्ट रोगी: “यीशु हम पर दुया कीजिये !” यीशु: “याजक के पास जाओ | वह तुम्हें देख ले |” इन शब्दों के साथ, यीशु ने उन पुरुषों को ऐसे व्यक्ति के पास भेज दिया जो कलीसिया की आराधनाओं का नेतृत्व करता था और जो चिकित्सीय सत्ताधिकार भी रखता था | याजक ही एक मात्र व्यक्ति था जो इन पुरुषों को स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दे सकता था | वे दस पुरुष तुरन्त अपने मार्ग पर चल पड़े | और अभी वे चल ही रहे थे कि उन्हें ज्ञान हुआ : कुष्ट रोगी: “हम चंगे हो गये ! हमारी त्वचा अब फिर से स्वस्थ दिखाई दे रही है !” उन में से एक पुरुष पलट कर दौड़ते हुए प्रभु यीशु के पास गया | वह आप के पास पहुँचा और आप के सामने अपने घुटने टेक दिये | कुष्ट रोगी: “हे प्रभु, मुझे फिर से चंगा करने के लिये आप को धन्यवाद देता हूँ ! आप का बहुत बहुत धन्यवाद !” यीशु ने इस प्रसन्न पुरुष की ओर देखा और चकित हो कर पूछा : यीशु: “क्या मैं ने दस पुरुषों को चंगा नहीं किया ? दूसरे नौ कहाँ हैं ? क्या केवल एक ही पुरुष मुझे धन्यवाद कहने के लिये वापस लौटा ?” जी हाँ, केवल एक ! एक ही आभारी था | और तुम ? आज तुम यीशु का किस लिये धन्यवाद कर सकते हो ? लोग: वर्णन कर्ता, दो कुष्ट रोगी, यीशु © कॉपीराईट सी इ एफ जरमनी |