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Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 122 (Peter in danger of death)

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

122. पतरस का जीवन खतर में


बहुत देर से दिये बुझ गये थे परन्तु मरियम के घर में अब तक दिया जल रहा था | उस के घर में अतिथि थे | उस का कारण दु:खद था : पतरस कारागृह में था | उस ने यीशु के विषय में बोला था और हिरोद राजा के अनुसार यह भयंकर पाप था | क्या यह पतरस के जीवन की अन्तिम रात होगी ? उस के मित्रों ने आशा नहीं छोड़ी थी कयोंकि परमेश्वर आश्चर्यकर्म कर सकता है | वे दिन और रात प्रार्थना करते रहे |

स्त्री: “प्रभु यीशु, कृपया पतरस को मरने न देना |”

आदमी: “तू आश्चर्यकर्म कर सकता है | हम तुझ पर विश्वास रखते हैं |”

और पतरस का क्या हाल था ? क्या तुम कारागृह में झांक कर देखना चाहोगे ? पवित्र शास्त्र एक खिडकी है जिस में से हम देख सकते हैं कि लोग कई साल पहले यीशु के साथ कैसे रहा करते थे |

लड़का: “पतरस सो रहा है ! वह अपने मृत्यु से पहली रात को सो कैसे साकता है ?”

लड़की: “उसे दो पहरेदारों के साथ जंजीरों में जकड़ा गया है |”

लड़का: “और दो और दरवाजे पर खड़े हैं |”

पतरस के प्राण खतरे में थे और उस के मित्र उस के लिये लगातार प्रार्थना करते जा रहे थे | परन्तु उन्हों नेकल्पना भी न की होगी कि उस रात को कारागृह के कमरे में क्या होगा |

अचानक वहाँ उजाला हुआ | एक स्वर्गदूत अचानक पतरस के पास खड़ा हो गया |

स्वर्गदूत: “पतरस, खड़े हो जाओ | अपने जूते पहनो | अपना कोट लेकर मेरे साथ चलो |”

पतरस स्वर्गदूत के पीछे चलता रहा जैसे कि स्वप्न में चल रहा हो | वह किसी जंजीर में जकड़ा हुआ न था, न ही किसी पहरेदार ने उसे जाते हुए देखा | कारागृह का बड़ा लोहे का फाटक किसी न दिखाई देने वाले हाथ ने खोला | तब वह स्वर्गदूत गायब हो गया | परमेश्वर आश्चर्यकर्म कर सकता है !

पतरस: “मैं मुक्त हो गया ! परमेश्वर ने मुझे हिरोदेस से बचाने के लिये स्वर्गदूत को भेजा !”

पतरस मरियम के घर की ओर दौड़ता हुआ गया | (दरवाजा खटखटाने की आवाज)

रोड़ा: “कौन है ?”

पतरस: “मैं, पतरस हूँ |”

रोड़ा: “उस की आवाज सुन कर इतनी आनन्दित हुईकि वह दरवाजा खोलना ही भूल गई | वह दूसरों की ओर भाग कर गई |”

रोड़ा: “पतरस दरवाजे पर खड़ा है !”

आदमी: “तुम पागल हो गई हो | यह संभव नहीं है |”

रोड़ा: “मैं सच कह रही हूँ ! मैं ने उसकी आवाज पहचान ली |” (दरवाजा खटखटाने की आवाज)

पतरस: “दरवाजा खोलो !”

आदमी: “सच में वही है | परमेश्वर ने आश्चर्यकर्म किया !”

(दरवाजा खोलने कीआवाज)

स्त्री: “पतरस, तुम कारागृह से बाहर कैसे आ गये ?”

पतरस ने अपने मित्रों को सब कुछ बता दिया |

परमेश्वर आश्चर्यकर्म कर सकता है और ऐसे ढंग से प्रार्थना का उत्तर देता है कि हम चकित रह जाते हैं |

आज भी वह बडे और छोटे आश्चर्यकर्म करता है | उस पर विश्वास करो |


लोग: वर्णनकर्ता, स्त्री, आदमी, लाडला, लड़की, स्वर्गदूत, पतरस, रहोडा

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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Page last modified on July 31, 2018, at 08:48 AM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)