Home
Links
Contact
About us
Impressum
Site Map


YouTube Links
App Download


WATERS OF LIFE
WoL AUDIO


عربي
Aymara
Azərbaycanca
Bahasa Indones.
বাংলা
Български
Cebuano
Deutsch
Ελληνικά
English
Español-AM
Español-ES
فارسی
Français
Fulfulde
Gjuha shqipe
Guarani
հայերեն
한국어
עברית
हिन्दी
Italiano
Қазақша
Кыргызча
Македонски
മലയാളം
日本語
O‘zbek
Plattdüütsch
Português
پن٘جابی
Quechua
Română
Русский
Schwyzerdütsch
Srpski/Српски
Slovenščina
Svenska
தமிழ்
Türkçe
Українська
اردو
中文

Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 123 (The runaway)

Previous Piece -- Next Piece

नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

123. फरारी व्यक्ति


वह एक छोटे मार्ग पर भागता रहा, पत्थरों से टकरा कर डगमगाया और काँटों की झाड़ियों से उस के पॉंव पर खरोंचे आगये |

उनेसिमुस (हाँपते हुए): “मुझे यहाँ से बच निकलना चाहिये | मैं बेजार आगया | मुझे हर रोज काम करने की इच्छा नहीं है | मैं एक नया जीवन शुरू करने जा रहा हूँ | यहाँ से बहुत, बहुत दूर | परन्तु मुझे सावधान रहना होगा कि कहीं पकड़ा न जाऊँ |”

फरार होने वाले दासों को भयानक दंड दिया जाता था | या तो उन के शरीर पर कहीं भी तपते हुए लोहे से चिन्ह लगाया जाता था या उन्हें जंगली जानवरों का भोजन बनाया जाता | यही एक विचार उनेसिमुस को और भी जल्दी भाग जाने पर मजबूर कर रहा था |

उस के नाम का अर्थ “उपयोगी” होता है | क्या यह नाम किसी ऐसे व्यक्ति के योग्य हो सकता है जिस ने चोरी की हो और फिर भाग रहा हो ? उस ने किसी दूसरे देश में नया जीवन शुरू करने का विचार किया था | वह रोम नगर मे छिपे रहने का प्रयत्न कर रहा था | परन्तु इस बडे देश में जाने का कौन विचार कर सकता था | परन्तु किस ने यह सोचा होता कि इतने बडे नगर में, इतने लोगों में से उनेसिमुस एक ऐसे व्यक्ति से मिलेगा - जो उस के स्वामी का मित्र था ?

पौलुस: “ठीक है, ठीक है, तो तुम भाग कर आये हो ?”

उनेसिमुस: “मैं जीवन में कुछ करना चाहता हूँ और केवल दास बन कर रहना नहीं चाहता |”

पौलुस: “और ? क्या अब तुम अपने नये जीवन से सन्तुष्ट हो ?”

उनेसिमुस: “सच तो यह है कि मेरी कल्पना के अनुसार यह जीवन बहुत अलग होगा | अच्छा होता जो मैं भाग कर नहीं आया होता | और फिर पैसों की भी समस्या थी ... मेरा अंदाजा है कि मैं इतनी बुरी स्थिती में नहीं था |”

पौलुस: “उनेसिमुस, तुम ने गलत जगह पर नये जीवन का आरंभ किया |”

वहाँ रोम में उनेसिमुस समझ गया कि नया जीवन केवल यीशु में ही पाया जा सकता है कयोंकि आप हमारे पाप क्षमा करते हैं और हमारा नवीकरण करते हैं | क्या तुम भी चाहते हो कि नये सिरे से जीवन शुरू करो ? यीशु तुम्हें नया जीवन देंगे | आप उसे हर उस व्यक्ति को देते हैं जो अपने पापों को स्विकार करता है और आप पर विश्वास करता है |

उनेसिमुस ने यह नया जीवन पाया परन्तु अगला कदम क्या था ?

पौलुस: “सब से अच्छा यह है कि अपने स्वामी, फिलेमोन, के पास वापस चले जाओ |”

उनेसिमुस: “वहाँ वापस चला जाऊं ?”

पौलुस: “चिन्ता न करो | मैं तुम्हारे विषय में एक पत्र लिखुंगा वह उसे दे देना | वह मेरा मित्र है | वह यीशु से प्रेम रखता है और तुम्हें इच्छापूर्वक वापस लेगा |”

और विश्वासपूर्वक उनेसिमुस वापस चला गया |

फिलेमोन: “तुम फिर यहाँ आ गये | हम ने तुम्हें हर जगह ढूंडा |”

उनेसिमुस: “मैं ने यह पत्र आप के लिये लाया है |”

फिलेमोन: “प्रिय फिलेमोन, मैं उनेसिमुस को वापास भेज रहा हूँ | उस ने यीशु के साथ नया जीवन शुरू किया है | यदि उस ने किसी तरह से भी तुम्हें कष्ट दिया हो तो मैं उस की कीमत चुका दुँगा और सब मामला ठीक कर दुंगा |”

उनेसिमुस का प्रेम पूर्वक स्वागत किया गया और वह खुशी से फिलेमोन के साथ रहा | यीशु के द्वारा उसे पुरानी जगह पर नया जीवन मिला |


लोग: वर्णनकर्ता, उनेसिमुस, पौलुस, फिलेमोन

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

www.WoL-Children.net

Page last modified on July 10, 2018, at 09:32 AM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)