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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
38. कारागृह में एक रातनहीं, इन अच्छे लोगों को यह पसंद न आया | उन के चेहरे उदास थे, उन के माथे पर झुर्रियाँ पड़ी थीं, और उन की आँखों में ईर्ष्या थी | पहला फरीसी: “हम कब तक यह देखते रहेंगे ?” दूसरा फरीसी: “मैं भी यही सोचता हूँ : हम उन्हें यीशु के विषय में बोलने से मना करें |” पहला फरीसी: “अगर यह जारी रहा तो हर व्यक्ति विश्वास करेगा कि परमेश्वर ने यीशु को मरे हुए लोगों में से जिलाया |” दूसरा फरीसी: “आईये हम उन के नेताओं को पकड़ लें |” यह फरीसियों की तरह ही हुआ जो ऐसे व्यवहार करते थे जैसे उन्हों ने विश्वास किया हो | पहले उन्हों ने यीशु को क्रूस पर चढ़ाने दिया और फिर आप के गवाहों को चुप कराना चाहते हैं | मंदिर के सिपाही भीड़ में घुस पड़े और उन्हों ने पतरस और यूहन्ना को बंदी बना लिया, उन्हें ले कर गये और रात भर बंदी गृह में बंद कर दिया | दूसरे दिन सुबह उन से पूछताछ की गई | न्यायाधीश: “तुम्हें किस ने कहा कि सुसमाचार का प्रचार करो ? तुम आश्चर्यकर्म कैसे कर सकते हो, जैसे कि एक लंगड़े आदमी को चलने पतरस ने अपने आप को डराने न दिया | साहस के साथ उन्हों ने कहा : पतरस: “तुम हम पर दोष लगते हो क्योंकि हम ने एक लंगड़े आदमी की सहायता की | यह आश्चर्यकर्म प्रभु यीशु पर विश्वास करने से हुआ, जिन्हें तुम ने क्रूस पर चढ़ाया और जिन्हें परमेश्वर ने फिर से जीवित किया | केवल यीशु ही लोगों का उद्धार कर सकते हैं - सारी दुनिया में और कोई ऐसा नहीं कर सकता |” न्यायाधीश पतरस के साहस पर आश्चर्य करने लगे और एक दूसरे से विचार विनमय करने लगे कि उस के साथ क्या किया जाये | न्यायाधीश: “हम इन पुरुषों के साथ क्या करें ? हम इस सत्य से इनकार नहीं कर सकते कि एक लंगड़ा आदमी चल सकता है; हर कोई इसे देख सकता है |” न्यायाधीश: “परन्तु हमें दूसरों को इस के विषय में सुनने से रोकना है | हम उन्हें केवल यीशु के विषय में बोलने से मना करें |” पतरस और यूहन्ना को फिर से अन्दर लाया गया | न्यायाधीश: “ऐ लोगो, तुम्हें इस के बाद यीशु के विषय में प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाती है | क्या तुम समझ गये ? हम आशा रखते हैं कि तुम इस आज्ञा का पालन करोगे, अन्यथ : परन्तु पतरस ने आपनी और यूहन्ना की ओर से उत्तर दिया : पतरस: “क्या तुम सच में हम से यह अपेक्षा रखते हो कि हम परमेश्वर की बजाय तुम्हारी आज्ञा का पालन करें ? हमारे लिये यह असंभव है कि हम चुप रहें | हम ने यीशु से बहुत कुछ अनुभव किया है और हमें दूसरों को उस के विषय में बताना है |” उन्हें एक बार फिर ड़ाँटा गया और जाने की अनुमति दी गई | हम मनुष्य की बजाय परमेश्वर की आज्ञा का पालन करें | ठीक उसी तरह जैसे पतरस और यूहन्ना ने किया | लोग: वर्णन कर्ता, दो फरीसी, दो न्यायाधीश, पतरस © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |