STORIES for CHILDREN by Sister Farida

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

155. खबरदार जो हाथ लगाया तो ३


क्या तुम जानती हो कि भाग्यवाचक कौन होता है ?

बालक: “वह कुछ है जो शैतान के लिये काम करती है, और इस तरह से वह जानती है कि भविष्य में क्या होने वाला है |”

वह जो कहती है वह सब का सब झूट नहीं होता और उसे प्रयत्न करने के लिये एक विषय मिल जाता है |

भाग्यवाचक लम्बे समय से हर तरफ पाये जाते हैं |

पवित्र शास्त्र हमें बताता है कि जब पौलुस अपने एक मित्र के साथ फिलिप्पी में गये तब एक स्त्री उन के पीछे दौड़ती हुई आई और उस में भविष्य की बातें बताने वाली आत्मा थी | वह सड़क पर जोर से चिल्लाई |

भाग्य वाचक: “यह पुरुष परमेश्वर के सेवक हैं | वे तुम्हें बतायेंगे कि तुम अनन्त जीवन कैसे प्राप्त कर सकते हो |”

बालक: “परन्तु वहाँ उस ने सच बताया !”

यह सच है परंतु पौलुस फिर भी इस के विषय में क्रोधित था | उसे उस के प्रचार कि आव्यशकता नहीं थी |

पौलुस: “यीशु क्रिस्त के नाम में, मैं तुझे आदेश देता हूँ:इस स्त्री में से निकल जा !”

भविष्य की बातें बताने वाली आत्मा तुरन्त उस में से निकल गई | यीशु विजेता हैं ! शैतान आप के सामने काँपता है | हम उसे देख नहीं सकते परन्तु शैतान लोगों को परमेश्वर पर विश्वास करने से रोकने का प्रयत्न करता रहता है | इसी लिये वह परस्पर स्थान परिवर्तित अन्धविश्वास प्रदान करता है |

यह बिल्कुल सच है कि जो व्यक्ति अपने दिल का दरवाजा यीशु के लिये बंद करता है वह उसे अन्धविश्वास के लिये खोल देता है | कई लोग जो सौभाग्यशाली गंडा तावीज अपने गले की माला और बाजूबंद में लिये फिरते हैं उस से हम इसे पहचान जाते हैं | हम इसे उन गंडे तावीजों से भी पहचान जाते हैं जो कई लोग अपनी गाड़ियों में लटकाते हैं | शैतान उन्हें एक ऐसे खेल की तरह प्रदान करता है जो घड़ी के पेंडुलम कि तरह आगे पीछे झूलता हुआ भविष्य या वस्तुयें, उन्हें छुये बिना, दिखता रहता है |

बालक: “और यदि हम उन्हें केवल मजाक के लिये करें तो क्या होगा ?”

जब मार्टिन के स्कूल में कुछ बच्चों ने आत्माओं से हिलती हुई कांचों के द्वारा बात करने का प्रयत्न किया तब उस ने भी यह सोचा | परन्तु तब से उसे बहुत डर लगने लगा है और वह भयानक स्वप्न देखता रहता है |

क्या तुम दवात का प्रयोग जानते हो ?

मजाक के तौर पर जरा अपनी एक उंगली दवात में डुबो दो | और दूसरी उंगली से यही गंभीरता पूर्वक करो |

बालक: “हे, दोनों उँगलियों पर नीली सियाही लग गई है !”

इस लिये अपने आप को शत्रु के उपहार से दूर रखो | चाहे वह मजाक के तौर पर हो या गंभीरता पूर्वक हो कयोंकि इन के परिणाम बाकि रहते हैं | उधाहरणत: तुम्हें पवित्र शास्त्र पढ़ने या प्रार्थना करने की इच्छा ही न रहे गी |

बालक: “क्या तुम अपनी जन्म कुंडली पढ़ते हो ?”

नहीं |

बालक: “मेरी माँ भी नहीं पढ़ती | वह कहती हैं की परमेश्वर ने इस पर प्रतिबंध लगाया है | वह चाहता है कि हम केवल उसी पर निर्भर रहें |”

और जब यीशु तुम्हारे पास हैं तब तुम्हें और किसी वस्तु की आव्यशकता नहीं होती | आप विजेता हैं और हमें शत्रु के फंदों से बचाये रखते हैं | आप तुम से प्रेम रखते हैं इस लिये आप तुम्हारी रक्षा करेंगे !


लोग: वर्णनकर्ता, बालक (लड़की), पौलुस, भाग्यवाचक

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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