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55. निरपराधी कारागृह में ३
बंदीगृह की कोठरी का दरवाज़ा ज़ोर की आवाज के साथ बंद हुआ | दारोगा ने दरवाज़े पर ताला लगा दिया और वह चला गया | यूसुफ सलाखों के पीछे बैठ गया | अपराधी नहीं !
उस ने जो काम किया था वह ठीक था, और उस के कारण वह बंदीगृह में बैठा था | क्या तुम इसे समझ सकते हो ?
यूसुफ गहरे सोच में पड़ गया |
(उस के सोचने के समय पृष्टभूमि में संगीत सुनाई देता है)
उस ने अपने मन की आँखों में अपने भाईयों को देखा | कई साल पहले उन्हों ने उसे मिस्र के किसी व्यक्ति को दास के तौर पर बेच दिया था | वे उस से घ्रणा करते थे, केवल इस लिये कि परमेश्वर ने कहा था कि वह यूसुफ को महान शासक बनायेगा |
पिरामिडों और फिरौनों के देश में, पोतिफर ने उसे दास के तौर पर ख़रीदा | यूसुफ उस का काम ठीक तरह से करता था | फिरौन के अधिकारी को आश्चर्य हुआ; इस से पहले उस के पास कभी ऐसा कोई सेवक न था | यूसुफ जो कुछ करता था वह सफल होता था | कभी कोई काम नहीं बिगड़ा | मैं तुम्हें इस का रहस्य बताऊँ | परमेश्वर उस के साथ था और उस की सहायता करता था |
पोतीफर ने उसे अपने घर और सभी खेतों का नियंत्रण सौंप दिया था | यूसुफ विश्वास करने के योग्य व्यक्ति था और बहुत सुन्दर भी था | पोतीफर की पत्नी उस से प्रेम करती थी और चाहती थी कि वह उस के साथ पती समान संबन्ध रखे |
क्या यह ठीक है ? परमेश्वर का आदेश कहता है : तू व्यभिचार न करना | यह आज्ञा आज भी लागू है जैसे पहले थी | यूसुफ ने परमेश्वर की आज्ञा मानी और अपने आप को इस स्थिति में पड़ने न दिया |
एक दिन पोतीफर की पत्नी ने यूसुफ को फिर एक बार लुभाने का प्रयत्न किया |
जब कोई तुम्हें कोई बुरा काम करने के लिये लुभाता है तब तुम क्या करते हो ? यूसुफ की तरह करो : वह पाप करने के बदले भाग गया | इस स्त्री ने उस का कोट पकड़ा और उसे मजबूती से थामे रही परन्तु यूसुफ उस में से निकल गया और अपने प्राण बचा कर भाग गया | उस ने अपने मालिक की पत्नी के साथ पाप न करना पसंद किया | परन्तु वह परेशान हुई और यूसुफ से बदला कैसे लिया जाये इस के लिये मार्ग निकालने के विषय में सोचने लगी |
जब उस का पती अपने काम पर से लौट कर घर आ गया तब उस ने उसे बताया कि यूसुफ उस के कमरे में घुस आया और उस के साथ छेड़खानी करने लगा | जब वह चिल्लाई तब वह भाग गया और अपना कोट छोड़ गया | यह उस का प्रमाण था |
पोतीफर ने उस के झूट पर विश्वास किया और यूसुफ पर बहुत क्रोधित हुआ | उस ने तुरन्त उसे बंदीगृह में डाल दिया |
परन्तु परमेश्वर यूसुफ के साथ बंदीगृह में भी था, और इसी लिये यह कहानी अभी समाप्त नहीं हुई | परमेश्वर के पास यूसुफ के लिये अभी भी योजनायें हैं, जब की वह उसे उस समय देख न पा रहा था |
अगले ड्रामे में यूसुफ की कहानी जारी रहेगी |
लोग: वर्णनकर्ता
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