STORIES for CHILDREN by Sister Farida

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
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25. अत्यन्त दु:खी कहानी


क्या तुम उन व्यक्तियों को जानते हो जिन का कभी जन्म दिन नहीं मनाया गया ?

आदम और हव्वा ! उन का जन्म दिन नहीं हुआ था, बल्कि परमेश्वर ने उन की सृष्टि की | परन्तु वे इतने प्रसन्न थे मानो हर दिन उन का जन्म दिन हो | वे परमेश्वर के साथ रहते थे | वे उस से बातचीत करते थे और उस की आवाज सुन सकते थे | वहाँ कभी झगड़ा, बीमारी या चिन्ता न थी | परमेश्वर ने उन्हें बहुत कुछ दिया था और उस ने उन से कहा :

परमेश्वर ने कहा: “तू वाटिका से सब वृक्षों का फल खा सकता है, केवल जो वृक्ष वाटिका के बीच में है उस का फल तू कभी न खाना | तू उस वृक्ष को छूना भी नहीं, नहीं तो मर जायेगा |”

हर वस्तु उन की आपनी थी सिवाय इस एक अपवाद के | आदम और हव्वा परमेश्वर से प्रेम करते थे और इस लिये उन्हों ने प्रसन्न हो कर उस की आज्ञा का पालन किया |

परन्तु तब वहाँ कोई अचानक आगया जो नहीं चाहता था कि कोई परमेश्वर से अच्छे संबन्ध रखे | वह शैतान था | पहले वह स्वर्गदूत था | वह घमंडी था और परमेश्वर के समान होना चाहता था, और इसी कारण उसे स्वर्ग से निकाल दिया गया था |

शैतान: “क्या यह सच है कि परमेश्वर ने तुम्हें इस वृक्ष का फल न खाने को कहा |”

हव्वा: “हम इस वृक्ष के सिवा हर वृक्ष का फल खा सकते हैं अन्यथ : हम मर जायेंगे |”

शैतान: “तुम नहीं मरोगे |”

परमेश्वर का शत्रु पुराना झूटा है | वह परमेश्वर के वचन को तोड़ मरोड़ कर रखता है और मन में शंका निर्माण करता है | हव्वा को परमेश्वर की आज्ञा पूर्णत : याद थी परन्तु किसी तरह उस ने ललचाने वाले शैतान की बात मान ली | जब उस ने उस फल को वृक्ष पर देखा तो उसे वह पसंद आया इस लिये उस ने उसे लिया और उस में से कुछ खाया और आदम को दिया जो उस के पास खड़ा था |

आज्ञा का पालन न करना पाप है और पाप के परिणाम भयानक होते हैं | पहले के समान अब कुछ भी न रहा |

परमेश्वर ने कहा: “आदम तू कहाँ है ?”

जब परमेश्वर ने उन्हें पुकारा तब वे डर गये, इस लिये वे उस से छिप गये | उन्हों ने एक दूसरे को दोषी ठहराया | पाप हमें प्रसन्न नहीं करता और धार्मिक परमेश्वर को उन्हें दंड देना पड़ा | पाप की मजदूरी मृत्यु है; इस का अर्थ यह हुआ कि हम हमेशा के लिये परमेश्वर से अलग किये गये | आदम और हव्वा को स्वर्ग को छोड़ देना पड़ा |

दुनिया में सब से बुरी घटना घटी पाप दुनिया में आ गया | उस समय से हर व्यक्ति पापी बन गया | परन्तु परमेश्वर प्रेम है, इस लिये उस ने तभी एक उद्धारकर्ता का वचन दिया जो हमारे पाप अपने ऊपर लेगा और हमें एक नई शुरुआत देगा |

अगले ड्रामे में तुम्हें बताऊंगा कि यह उद्धारकर्ता कौन है |


लोग: वर्णन कर्ता, शैतान, हव्वा, परमेश्वर की आवाज

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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