STORIES for CHILDREN by Sister Farida

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116. बिल का विशेष क्रिस्मस का पौधा


बिल: “यह गंभीर बात है | सभी क्रिस्मस के पौधे बिक गये | मामा आप ने बहुत देर कर दी |”

माँ: “ठीक है, मैं ने सोचा कि यदि हम बाद में खरीदेंगे तो पौधा सस्ता में मिल जायेगा | तुम जानते हो कि हमारे पास बहुत पैसे नहीं हैं |”

बिल: ”रोजी ने कल पौधे के लिये प्रार्थना की थी | वह निराश हो जायेगी, और इसी तरह दूसरी लड़कियां भी निराश होंगीं |”

बिल ने अपने पिता के विषय में सोचा | जब वे जीवित थे तब वे त्वेवहार से पहले ही पौधा खरीद लेते थे | उन के बिना हर बात अलग हो गई है |

माँ: “बिल, वहाँ एक पौधा रखा है | हेलो, कृपया, मुझे वह पौधा चाहिये |”

आदमी: “मैं उसे बेच नहीं रहा | वह मेरे अपने बच्चों के लिये है | यदि आज मैं यह पौधा अपने घर न ले गया तो वे बहुत ही निराश होंगे | शुभ क्रिसमस |”

वह व्यक्ति चला गया | बिल और उस की माँ ने जमीन पर पड़ी हुई सरौ की टहनियाँ उठा लीं और उन्हें घर ले गईं | चार उदास लड़कियां सामने के दरवाजे के पास आ गईं |

लड़की: “क्या तुम्हारे पास पौधा है ?”

माँ: “नहीं, मुझे बहुत खेद है |”

वे सब चुपचाप रात का भोजन करने के लिये मेज पर बैठ गये | आज प्रार्थना करने की बारी रोजी की थी |

रोजी: “प्रिय प्रभु यीशु, मैं ने आप से प्रार्थना की थी कि हमारे लिये एक पौधा लाईये | क्या आप ने मेरी प्रार्थना नहीं सुनी ? परन्तु अब उस के विषय में चिन्ता न कीजिये | अब बहुत देर हो चुकी है | हमें कुछ खाना देने के लिये आप का धन्यवाद | आमेन |”

बाद में जब लड़कियां बिस्तर पर लेट गई थीं, बिल को एक कल्पना सूझी | जान बूझ कर उस ने झाड़ू के हेंडल में अपनी जेब के चाकू से छेद किये और उस में सरौ की टहनियाँ तार से जोड़ दीं | उस ने वह झाड़ू रेत से भरी हुई बाल्टी में रखा ताकि वह खड़ा रह सके और तब उस ने उस बाल्टी को भूरे कागज़ से लपेट दिया |

माँ: “बिल, पौधा बहुत सुन्दर दिखाई देता है ! तुम ने बहुत अच्छा काम किया | अब ऊपर के भाग के लिये मैं अलंकरण और स्वर्गदूत ले आती हूँ | लड़कियां निश्चय ही आश्चर्य करेंगी |”

रोजी सब से अधिक प्रसन्न थी |

रोजी: “बिल, अपने घर अब तक जितने भी पौधे लाये गये उन में यह सब से अधिक सुन्दर है | यीशु ने सच में मेरी प्रार्थना का उत्तर दिया |”

प्रसन्न होकर बच्चे अपनी माँ के इर्द गिर्द चिपक कर बैठे थे जब कि वह क्रिस्मस की कहानी ऊंची आवाज में पढ़ रही थी |

(पन्ने पलटने की आवाज)

माँ: “और मरियम ने अपने पहलौठे पुत्र को जन्म दिया और उसे कपड़ों में लपेट कर चरनी में रखा |”

और माँ ने यीशु की क्रूस पर की मृत्यु की कहानी भी क्यों पढ़ कर सुनाई ?

माँ: “प्रभु यीशु का क्रूस भी वास्तव में एक पेड़ ही था | वह पेड़ क्रिस्मस के पौधे से भी अधिक महत्वपूर्ण था | चरनी और क्रूस एक दूसरे से सम्बंधित होते हैं | प्रभु यीशु धर्ती पर आये ताकि आप हमारे लिये अपने प्राण दे दें | क्रूस के बिना क्रिस्मस का कोई महत्व न होता |”


लोग: वर्णनकर्ता, बिल, माँ, आदमी, लड़की, रोजी

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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