Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 111 (A promise is a promise)
111. वचन, वचन होता है
पहला शत्रु: “अब छोड़ दो, हम ने तुम्हें हरा दिया |”
दूसरा शत्रु: “तुम्हारा राजा जो कहता है उस पर निर्भर न रहो | वह तुम से झूट बोलता है |”
पहला शत्रु: “हमारा राजा, सिन्हेरीब सर्वशक्तिमान है |”
दूसरा शत्रु: “हा, तुम हारने वाले हो, सेना नहीं हो |”
पहला शत्रु: “और यदि तुम परमेश्वर पर निर्भर रहे, तब तो सब चौपट हो जायेगा |”
अश्शुरी शत्रु ने २००,००० सेना के साथ यरुशलेम नगर को घेर लिया |
नगर की दीवार पर खड़े लोग खामोश थे | राजा हिजकिय्याह जानता था कि उस के पास कोई अवसर नहीं है | परन्तु उस के पास एक हथियार था जिस की शत्रु को कोई जानकारी नहीं थी | वह हथियार जो हमेशा विजय पाता है |
यह हथियार शस्त्रागार में नहीं पाया जा सकता परन्तु उस के दिल में पाया जा सकता है : परमेश्वर पर विश्वास करो | जिस किसी के पास यह हथियार होता है उसे कभी भी शत्रु से डरने की आव्यशकता नहीं होती |
हिजकिय्याह का संदेशवाहक: “राजा हिजकिय्याह, सिन्हेरीब की ओर से यह पत्र आया है !”
हिजकिय्याह: “डरो नहीं | परमेश्वर हमारे साथ है | उस पर विश्वास करो !”
हिजकिय्याह ने पत्र लिया और मन्दिर में जा कर प्रार्थना की :
हिजकिय्याह: “प्रभु, तू हमारा परमेश्वर है | तू ही एक मात्र राजा है | हमारी रक्षा कर ताकि सब लोग देखें कि तू जीवित परमेश्वर
है |”
कुछ लोग यह सोचते है कि जब लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं तब जीवन में सब कुछ सरल हो जाता है |
परन्तु पवित्र शास्त्र ऐसा कभी नहीं सिखाता | परमेश्वर हमारे ऊपर कठिनाईयां आने देता है | वह हमारी परिक्षा लेने के लिये होती हैं ताकि यह सिद्ध हो कि हम उस पर वास्तव में विश्वास करते हैं या नहीं |
हिजकिय्याह इस परिक्षा में यशस्वी रहा और परमेश्वर ने उस से कहा :
प्रभु परमेश्वर यह कहता है : मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी है | शत्रु एक भी तीर नगर में फ़ेंक न सकेगा |
वास्तव में ? एक भी तीर नहीं ?
दूसरे दिन हर एक व्यक्ति को विश्वास हो गया |
आदमी: “क्या तुम देख रहे हो ! शत्रु पराजीत हो गया !”
आदमी: “हर तरफ शव पड़े हुए हैं | शत्रु को किस ने मारा ?”
पवित्र शास्त्र में हमें बताया गया है कि परमेश्वर ने रात के समय एक स्वर्गदूत को भेजा | और उस स्वर्गदूत ने शत्रु के १८५,००० सिपाहियों को मार डाला |
इसी लिये एक भी तीर नगर की ओर फेंका न गया |
परमेश्वर जो वचन देता है उसे पूरा करता है |
हम उस पर पूर्णत: विश्वास कर सकते हैं, जैसे के पवित्र शास्त्र के भजन संहिता ३३ के चौथे वचन में कहा है :
“क्योंकी यहोवा का वचन सीधा है और उस का सब काम सच्चाई से होता है |”
परमेश्वर का वचन पढ़ो और उस पर निर्भर रहो | तब तुम भी अनुभव करोगे कि हिजकिय्याह का परमेश्वर आज भी वैसा ही है जैस तब था | परमेश्वर जो वचन देता है उसे पूरा करता है |
यदि तुम्हारे पास पवित्र शास्त्र न हो तो मुझे लिखो | तुम एक प्रति उपहार के रूप में पाओगे |
लोग: वर्णनकर्ता, दो शतु, हिजकिय्याह, हिजकिय्याह का संदेश वाहक, आदमी
© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी