STORIES for CHILDREN by Sister Farida(www.wol-children.net) |
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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
158. म - को इनाम ३एस्तेर रानी बहुत साहसी थी | नेवता के बगैर वह फारस के राजा के पास गई | ऐसा करके उस ने अपने प्राण खतरे में डाल दिये | परन्तु उस ने यह इस लिये किया कयोंकि वह अपने लोगों को अर्थात यहूदियों को बचाना चाहती थी | क्षयर्ष राजा अपने सिंहासन पर बैठा हुआ था | उस ने एस्तेर को आते हुए देखा | उस ने अपना सुनहरी राजदंड उस की ओर बढ़ाया जिस का अर्थ हुआ कि उस का स्वागत है | राजा: “एस्तेर रानी, तुम क्यों आई हो ? तुम्हारी क्या इच्छा है ?” एस्तेर: “मेरे राजा, कृपया आज आप हामान के संग मेरे साथ भोजन करने के लिये आईये |” राजा: “सेवक, तुरन्त हामान को बुलाओ | रानी ने हमें भोजन का नेवता दिया है |” एस्तेर ने उन के लिये स्वादिष्ट भोजन तैयार किया | राजा: “एस्तेर रानी, क्या तुम्हारी और भी कोई इच्छा है ? मैं तुम्हें मेरा आधा राज्य दे दुंगा |” एस्तेर: “कृपया कल फिर रात के भोजन के लिये आईये और हामान को संग ले आईये | तब मैं अपनी इच्छा आप को बताऊँगी |” षड्यंत्र कारी हामान उत्साही मूड़ में अपने घर गया और डींग मारने लगा | हामान: “मैं सब से उच्च अधिकारी हूँ | रानी ने मुझे राजा के संग भोजन पर बुलाया था | केवल मुझे | कल मुझे फिर से बुलाया गया है | परन्तु एक बात मुझे पागल बना रही है : मोर्दकै मेरे सामने नहीं झुकता |” पत्नी: “क्या तुम उसे जाने दोगे ? इस यहूदी को फांसी दो !” एस्तेर ने नहीं देखा था कि हामान ने उस के सौतेले पिता के लिये फांसी का तख्ता खड़ा किया है | वह ८० फूट से अधिक ऊँचा था | परन्तु परमेश्वर ने उसे देखा | वह राज्य करता है ! और इसी लिये उस ने क्षयर्ष राजा को रात भर सोने नहीं दिया | राजा: “सेवक, मैं सो नहीं पा रहा हूँ | मेरी डायरी ले आओ | निकट भूत काल में जो हुआ उसे ऊँची आवाज में पढ़ो |” डायरी ने बताया कि किस तरह मोर्दकै ने राजा के विरुद्ध हत्या के षड्यंत को टाला | राजा: “मोर्दकै को इस के लिये क्या उपहार दिया गया ?” सेवक: “कुछ भी नहीं |” दूसरे दिन हामान, राज महल में आया | उसे राजा से मोर्दकै को फांसी देने की अनुमति लेनी थी | राजा: “हामान, मैं उस व्यक्ति को क्या दूँ जिस को राजा धन्यवाद कहना चाहता है ?” हामान को विश्वास था कि राजा उसे पुरस्कृत करना चाहता है | हामान: ”उसे राजा का चोगा और मुकुट पहनाया जाये और उसे राजा के किसी एक घोड़े पर बिठा कर नगर की सड़कों पर से ले जाया जाये | राजा का सेवक उस के बाजू से चलता जाये और पुकारे कि यह व्यक्ति है जिस का राजा सम्मान करना चाहता है |” राजा: “हामान, मोर्दकै के साथ ऐसा करो |” हामान का चहरा फीका पड़ गया | अगले ड्रामे में तुम सुनोगे कि पवित्र शास्त्र की यह कहानी कैसे जारी रहती है | लोग: वर्णनकर्ता, राजा, एस्तेर, हामान, स्त्री, सेवक © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |