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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
बच्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक
150. अत्यन्त साहसी २वह बहुत साहसी थी | इनाम जादूगर का पानी निगलना नहीं चाहती थी इसी लिये उस ने उसे खिडकी से बाहर फ़ेंक दिया | इनाम: “प्रभु यीशु, मैं आप पर विश्वास करती हूँ, कृपया मुझे चंगा कीजिये |” और इंडोनेशिया की वह लड़की फिर से अच्छी हो गई | जब इनाम अच्छी हो गई तब सब से पहले वह उस छोटे गिरजे में गई जो उस के जंगल में था | (संगीत की आवाज) उस ने दूसरों कें साथ यीशु के विषय में सुन्दर गीत खुशी से गाये | तब उस ने उन्हें बताया कि यीशु ने उस की प्रार्थना सुनी और उसे फिर से चंगा किया | स्त्री: “और तुम्हारी माँ क्या सोचती है कि किस ने तुम्हें अच्छा किया ?” इनाम: “वह सोचती है कि मुझे उस जादूगर ने चंगा किया जिस ने मुझे कुछ पीने को दिया था |” स्त्री: “क्या तुम उन्हें बताओगी कि सच क्या है ?” इनाम ने घर जाते समय इस पर विचार किया | वह यीशु पर विश्वास करती थी इस लिये हमेशा उस की पिटाई हुआ करती थी | दूसरे दिन वह रसोई घर में गई और अपनी माँ को मसाला पीसते हुए देखा | इनाम: “मामा, आप शायद सोचती होंगी कि जादूगर के पानी ने मुझे फिर से अच्छा किया | परन्तु यह सच नहीं है | मैं ने वह पानी खिडकी से बाहर फ़ेंक दिया था | यीशु ने मुझे फिर से चंगा किया |” माँ: “क्या यह सच है ? इस का अर्थ यह हुआ कि तुम ने हमें चकमा दिया |” उसे यह इतना बुरा न लगा | बल्कि उस के मातापिता उन की साहसी इनाम पर कई दिनों से आश्चर्य करते थे, जो इतनी मार खा कर भी यीशु पर विश्वास रखती थी | उस की माँ ने ऊपर सूरज की ओर देखा | माँ: “इनाम, गिरजा जाने का समय हो गया है |” इनाम ने अपनी माँ को अपनी बाँहों में पकड लिया | पहली बार वह अपने मातापिता की अनुमति से गिरजे को गई | और कुछ दिनों के बाद उस के मातापिता भी उस के साथ जाने लगे | जब इनाम अपनी माँ और अपने पिता के बीच में बैठती थी तो बहुत खुश होती थी | वे एक साथ यीशु की कहानियाँ सुनते थे | उस के मातापिता जो कुछ गिरजे में सुनते थे उस पर बहुत विचार करते थे | उन्हों ने अपने धर्म की यीशु पर विश्वास करने से तुलना की जो उन की बेटी को विश्वासु रहने के लिये शक्ति प्रदान करता था, उस समय भी जब उसे पीटा जाता था | एक दिन उस के मातापिता ने यीशु के अनुयायी बनने की ठान ली | यीशु के साथ इनाम के जीवन ने उन्हें विश्वास दिलाया कि आप जीवित हैं | कई बार पिटाई होने पर भीवह यीशु की आज्ञाकारी रही और आप से और भी अधिक प्रेम रखती रही | लोग: वर्णनकर्ता, स्त्री, इनाम, माँ © कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी |