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126. इतना निकट होकर भी इतना दूर


आदमी: “यदि वह मुझे मिल जाता, चाहे वह कुछ भी हो | मैं कुछ कमी महसूस कर रहा हूँ | मैं दुनिया में उसे कैसे प्राप्त कर सकता हूँ ?”

युवा सरदार के जीवन में कुछ कमी थी | किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया | वह यशस्वी, खूबसूरत और बहुत ही धनी था |

परन्तु कुछ कमी थी | वह भी उसे जानता था | क्या यह हो सकता है कि उसी वस्तु की तुम्हारे जीवन में भी कमी है ? उसे उस के कारण शान्ति न थी | वह उसे कैसे प्राप्त करे ? इस का उत्तर यीशु जानते थे |

आदमी: “हे अच्छे गुरु, अनन्त जीवन पाने के लिये मुझे क्या करना चाहिये ?”

इसी वस्तु की कमी थी | अनन्त जीवन जो यीशु पर विश्वास करने से शुरू होता है और हमारे मरने के बाद स्वर्ग में जारी रहता है | उसे यही चाहिये था |

यीशु: “यदि तुम को अनन्त जीवन चाहिये हो तो आज्ञाओं का पालन करो : चोरी न करो, व्यभिचार न करो, झूट न बोलो, हत्या न करो, अपने माता पिता का आदर करो |”

आदमी: “मैं ने अपने पूरे जीवन में इन आज्ञाओं का पालन किया है |”

क्या तुम यही उत्तर दे सकते थे ?

यीशु: “तब तू अपना सब कुछ बेच कर गरीबों को बाँट दे और आ कर मेरे पीछे हो ले |”

जब उस युवक सरदार ने यह सुना तो उदास हो गया कयोंकि वह बहुत ही अधिक धनि था | निराश हो कर वह वापस लौटा | उसे यीशु और अनन्त जीवन से धन, अधिक महत्वपूर्ण था |

लड़की: “क्या कोई व्यक्ति धनि होते हुए भी यीशु का अनुयायी नहीं हो सकता ?”

अवश्य: “प्रश्न यह है कि पहला स्थान किसे दिया जाये ? आईये हम एक प्रयोग करें |”

लड़की: “यह मोम बत्ती किस लिये है ?”

मैं मोम बत्ती की तुलना यीशु से कर रहा हूँ जो दुनिया की ज्योति हैं !

लड़का: “क्या मैं उसे जला सकता हूँ ?” (माचिस की काडी सुलगने की आवाज)

लड़की: “वह कितनी अच्छी तरह जल रही है |”

यदि मैं १०० डॉलर का नोट मोम बत्ती के सामने पकडूँ तो क्या होगा ?

लड़की: “पैसा ज्योति के प्रकाश में बाधा डालेगा |”

लड़का: “मैं समझ गया | धन उस के लिय उच्चतम महत्व रखता था और यीशु दूसरे स्थान पर थे |”

लड़की: “उस ने उसे यीशु से अलग कर दिया था |”

इस का और तरह से भी अंत हुआ होता | अब मैं नोट को मोम बत्ती के पीछे पकड़ता हूँ |

लड़का: “अब यीशु प्रथम स्थान पर आ जाते हैं और धन चमकता है |”

क्या तुम देख रहे हो कि प्रथमिकता का क्रम कितना महत्वपूर्ण है ?

धनि युवक सरदार के जीवन में धन को पहला क्रमांक दिया गया था | इसी कारण, जहाँ तक कि हम जानते हैं, उस ने स्वर्ग में के अनन्त जीवन को खो दिया |

कितना बुरा हुआ जो इस कहानी का अंत ऐसा हुआ |

मैं आशा रखता हूँ कि यीशु के साथ तुम्हारे जीवन का अंत प्रसन्न होगा | अपने आप से पूछते रहो कि तुम्हारे जीवन में कभी कोई वस्तु यीशु से पहले तो नहीं आती |


लोग: वर्णनकर्ता, आदमी, यीशु, लड़की, लड़का

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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Page last modified on July 31, 2018, at 08:49 AM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)