Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 037 (Jumping for joy at 3 o‘clock)
37. तीन बजे खुशी से कूदना
पुरुष: “यह निश्चित संभव नहीं है !”
स्त्री: “ओह हाँ, ऐसा ही है ! देखो ! वह चल सकता है |”
पुरुष: “हो सकता है यह उस के जैसा कोई और आदमी है |”
स्त्री: “मुझे पूरा विश्वास है कि यह वही व्यक्ति है | वह ४० साल से लंगड़ा था और अब चल सकता है |”
पुरुष: “क्या यह आश्चर्यकर्म नहीं है ! मैं ने ऐसा कभी नहीं देखा |”
स्त्री: “देखो वह कितना आनंदित है | वह इतना प्रसन्न है कि आनंदित हो कर कूद रहा है |”
यह सत्य है : वह चला और कूदा और उस ने परमेश्वर की स्तुति की | लोग उसे और पतरस को घूरने लगे |
पतरस: “तुम हमें क्यों घूर रहे हो, मानो हम ही ने इस लंगड़े आदमी को फिर से चलने लगाया ? यीशु ने यह किया है ! आप के नाम पर विश्वास करने से आश्चर्यकर्म होते हैं |”
सच पूछो तो वह दिन और दिनों की तरह ही शुरू हुआ था | दोपहर के बाद पतरस और यूहन्ना मंदिर को गये | यह उन की आदत थी कि वे दर दिन ३ बजे मंदिर में आराधना करते थे | तुम कब प्रार्थना करते हो ?
प्रवेश द्वार पर उन्हें रोका गया | एक लंगड़े भिकारी ने अपना हाथ उन के सामने फैलाया :
लंगड़ा आदमी: “मेरे पास से चले न जाओ ! मुझ पर दया करो ! कृपया मुझे कुछ पैसे दे दो |”
पतरस और यूहन्ना ने उस भिकारी की ओर देखा और पतरस ने कहा :
पतरस: “मेरे पास चांदी और सोना नहीं है | मैं धनी नहीं हूँ | परन्तु मेरे पास जो है वह मैं तुझे दुंगा: प्रभु यीशु के नाम में, खड़ा हो जा और चल
फिर |”
तब पतरस ने उस का हाथ पकड़ा और खड़े रहने के लिये सहायता की | आश्चर्यकर्म हुआ |
तुरन्त उस आदमी के पाँव और जोड़ मजबूत हो गये | वह कूद पड़ा और खड़ा हो कर चल सका |
उस आदमी को विश्वास न हुआ होगा कि वह फिर से चंगा हो गया था ! वह चला और कूदा और परमेश्वर का धन्यवाद किया | प्रसन्न हो कर उस ने परमेश्वर की स्तुति की और हर उस व्यक्ति ने जिस ने उसे देखा, ऐसा ही किया |
यीशु तुम्हारे जीवन में आश्चर्यकर्म करना चाहते हैं; आप पर विश्वास करो |
लोग: वर्णन कर्ता, पुरुष, स्त्री, पतरस, लंगड़ा आदमी
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