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Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 115 (The greatest Christmas gift)

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
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115. क्रिस्मस का महान उपहार


लड़की: “मैं मुश्किल से क्रिसमस तक रुक सकती हूँ | इस साल मेरी इच्छाओं की सूचि एक मील लम्बी है |”

लड़का: “आशा करता हूँ कि मेरी सब से बड़ी इच्छा पूरी होगी | मुझे एक नये स्मार्ट फोन की अत्यन्त आव्यश्कता है |”

तुम्हें केवल और थोड़े समय तक प्रतिक्षा करनी होगी |

लड़की: “हाँ, दुर्भाग्य से !”

परन्तु भाग्यवश शमौन के जैसे लम्बे समय तक नहीं |

लड़का: “वह कौन है ?”

पवित्र शास्त्र उस का परिचय इस तरह करता है : वास्तव में उस समय वह इतना तरुण भी नहीं था बल्कि बूढ़ा हो चुका था | वह यरूशलेम में रहता था और परमेश्वर का वफादार था | उसे ४० साल के लम्बे समय तक प्रतिक्षा करनी पड़ी - हो सकता है कि यह समय कुछ और अधिक हुआ हो - जब की उस की सब से बड़ी इच्छा पूरी हुई |

लड़की: “इतना लम्बा समय लगा ? और उस की सब से बड़ी इच्छा क्या थी ?”

उस की इच्छा परमेश्वर के एक वादे से जुडी हुई थी |

परमेश्वर: “शमौन, तू दुनिया के उद्धारकर्ता को देखे बिना नहीं मरेगा |”

यदि शमौन को प्रतिक्षा ही करते रहना पड़ा, फिर भी वह निराश नहीं हुआ | क्योंकी वह जानता था कि वह परमेश्वर पर निर्भर रह सकता है |

एक दिन वह मन्दिर में गया और ठीक उसी समय मरियम, यूसुफ और बालक यीशु भी वहाँ आ पहुँचे | जब शमौन ने बालक को देखा तब उसे अचानक जानकारी हुई कि यही आने वाला उद्धारकर्ता है जिस का वचन परमेश्वर ने दिया था !

शमौन ने यीशु को देखा | अब उस की सब से बड़ी इच्छा पूरी हो गई | इस कारण वह इतना प्रसन्न हुआ जितना प्रसन्न दुनिया के दूसरे सभी उपहार भी नहीं कर सकते थे !

आनन्दित हो कर उस ने बालक को अपने हाथों में लिया और प्रार्थना की |

शमौन: “प्रभु, अब मैं शान्ति से मर सकता हूँ क्योंकी तू ने मुझे दिया हुआ अपना वचन पूरा किया | मेरी आँखों ने दुनिया के उद्धारकर्ता को देख लिया है |”

किसी व्यक्ति ने शमौन के विषय में एक कविता लिखी है :

(संगीत की आवाज)

एक बहुत ही बूढ़ा व्यक्ति था जिस का नाम शमौन था |
उस की सब से बड़ी इच्छा पूरी हो गई क्योंकि उस ने परमेश्वर के पुत्र को देखा
आ जाईये, ऐ उद्धारकर्ता, मेरे पास भी आ जाईये, मैं दरवाजा खोलता हूँ |
आ जाईये, ऐ उद्धारकर्ता, मेरे पास भी आ जाईये, मैं दरवाजा खोलता हूँ |

मैं यह नहीं जानता कि तुम्हारी सभी इच्छायें क्रिस्मस के समय पूरी होंगी या नहीं | परन्तु मैं यह निश्चय ही जानता हूँ कि इस गीत के अनुसार जब तुम चाहोगे कि यीशु तुम्हारे जीवन में आ जायें तब यीशु तुम्हारी इच्छा उसी दिन पूरी करेंगे |


लोग: वर्णनकर्ता, लड़की, लड़का, परमेश्वर, शमौन

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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