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Home -- Hindi -- Perform a PLAY -- 020 (On the run 5)

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नाटक -- अन्य बच्चों के लिए अभिनीत करो !
च्चों द्वारा अभिनय करने के लिए नाटक

20. भागते रहा ५


घोड़ों के खुरों की टाप राज महल के मार्ग पर सुनाई दे रही थी | मूसलाधार वर्षा हो रही थी | रथ अभी रुका ही था कि अहाब राजा कूद पड़ा और महल में गायब हो गया |

अहाब: “इज़ेबेल, इज़ेबेल, आज जो कुछ हुआ उस का तुम अनुमान भी नहीं लगा सकतीं | आस्मान से आग गिरी | सब ने देखा कि एलिय्याह का परमेश्वर ही सच्चा परमेश्वर है | बाल कुछ भी सहायता न कर सका और उस के सभी पुजारी मर गये |”

रानी ने प्रत्येक शब्द सुना | क्या यह समाचार, यहाँ तक कि वर्षा भी उसे संतुष्ट करती कि प्रभु परमेश्वर है ? जी नहीं | वह यह सुन कर अत्यन्त गुस्सा हुई |

इज़ेबेल: “मैं एलिय्याह को मार डालूंगी |”

जब एल्लियाह ने सुना कि इज़ेबेल उसे मारना चाहती है, तो वह भाग गया | वह इतना तेज़ भागा जितना अपने जीवन में कभी न भागा था | वह लगभग १२५ मील भागा ! परन्तु तब भी वह आपनी सुरक्षा से संतुष्ट न था | इसलिये वह दक्षिण की ओर भागता हुआ गया | उस के भय ने उसे रेगिस्थान में पहुँचा दिया |

तुम जब भयभीत होते हो तो क्या करते हो ?

परमेश्वर वहाँ है ! एलिय्याह ने हमेशा परमेश्वर को अपना मार्गदर्शन करने दिया | परन्तु इस बार उस ने अपने भय को अपना मार्गदर्शन करने दिया | जब वह एक कदम भी आगे न बढ़ सका तब वह एक झाडी के नीचे बैठ गया और प्रार्थना की :

एलिय्याह: “प्रभु, मैं अब और नहीं चल सकता | मुझे मरने दे |”

परमेश्वर वहाँ है | परन्तु उस ने इस प्रार्थना का “हाँ” में उत्तर नहीं दिया | परमेश्वर ने एलिय्याह को सोने दिया और तब एक स्वर्गदूत को उसे जगाने के लिये भेजा |

स्वर्गदूत: “एलिय्याह, उठो | कुछ खाओ, पिओ |”

एलिय्याह ने आपनी आँखें खोलीं और सब तरफ देखा | उस ने अपने निकट पानी का मटका और पकी हुई रोटी रखी हुई पाई | वह बहुत ही स्वादिष्ट थी !

और एलिय्याह फिर एक बार सो गया और फिर वही घट्ना घड़ी |

परमेश्वर वहाँ है |परमेश्वर के संदेशवाहक ने यह सत्य उस समय जान लिया जब उस ने देखा कि परमेश्वर किस प्रेम से इस रेगिस्थान के बीच में उस की चिन्ता करता था | अब वह फिर से परमेश्वर की आवाज सुन सकता था | और एक नये संकल्प के साथ वह वापस लौटा |

परमेश्वर वहाँ है ! तुम्हें भी भयभीत होने की आव्यश्कता नहीं है | मैं पवित्र शास्त्र के एक वचन द्वारा तुम्हारा साहस बढ़ाना चाहता हूँ :

“यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है, मैं किस से डरूं ? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं ?” (भजन संहिता २७:१)


लोग: वर्णन कर्ता, अहाब, इज़ेबेल, एलिय्याह, स्वर्गदूत

© कॉपीराईट: सी इ एफ जरमनी

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